होम राजनीति PM मोदी ने जिस ‘मीसा’ का किया जिक्र, उनकी पार्टी है कांग्रेस के साथ, बिहार चुनाव में बन सकता है बड़ा हथियार?- pm modi mann ki baat attacks emergency lalu yadav rjd congress alliance misa will it become new issue in bihar chunav

PM मोदी ने जिस ‘मीसा’ का किया जिक्र, उनकी पार्टी है कांग्रेस के साथ, बिहार चुनाव में बन सकता है बड़ा हथियार?- pm modi mann ki baat attacks emergency lalu yadav rjd congress alliance misa will it become new issue in bihar chunav

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PM Modi in Mann ki Baat & Bihar Chunav: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में आपातकाल और मीसा का जिक्र कर कांग्रेस और राजद पर निशाना साधा. क्या बिहार चुनाव में आपातकाल की यादें बड़ा मुद्दा बनेगा?

पीएम मोदी ने मन की बात में लालू यादव को लेकर क्या कहा?

हाइलाइट्स

  • पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में आपातकाल और मीसा का जिक्र किया.
  • बिहार चुनाव में मीसा और आपातकाल बड़ा मुद्दा बन सकते हैं.
  • युवा मतदाता के लिए बेरोजगारी, शिक्षा और विकास प्रमुख मुद्दे हैं.

पटना. बिहार की सियासत में एक बार फिर से इतिहास की पगडंडियों से होती हुई राजनीति की नई गूंज सुनाई दे सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में आपातकाल और ‘मीसा’ (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) का जिक्र कर कांग्रेस और राजद के रिश्ते पर सधा हुआ हमला किया. हालांकि, उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में बात इतनी साफ थी कि राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है. बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पीएम मोदी का आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिया गया यह बयान ‘इतिहास की चर्चा’ नहीं बल्कि आने वाले चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने के मौके पर रविवार को कहा कि देश ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया और यह याद रखने की जरूरत है कि कैसे मीसा एक्ट के तहत हजारों लोगों को जेल में डाला गया था. दिलचस्प बात यह है कि उन्हीं में से एक थे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, जो आज कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में हैं. आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए उन्हें बेटी के जन्म की खबर मिली थी और उन्होंने उसका नाम मीसा रखा. लालू ने जेल में बंद वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय से पूछा ‘रामबाहुदर भाई बेटी हुआ है. क्या नाम रखें? तब रामबहादुर राय ने लालू की बेटी का नाम मीसा रखने को कहा था. आपातकाल से जुड़ी और कांग्रेस के खिलाफ आग को लालू यादव ने नाम दिया, लेकिन बाद में उसी कांग्रेस के गोद में लालू जाकर बैठक गए. ऐसे में पीएम मोदी का यह बयान एक राजनीतिक संकेत भी है जो बिहार की राजनीति में गहराई से जुड़ा है.

बिहार चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

आपातकाल के खिलाफ जिस आंदोलन से लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे नेता निकले, आज वे अलग-अलग खेमों में हैं. नीतीश बीजेपी के साथ हैं, और लालू कांग्रेस के साथ. यही विडंबना बीजेपी को एक नैरेटिव बनाने का अवसर देती है कि जिन्होंने कभी आपातकाल का विरोध किया, वे अब उन्हीं के साथ खड़े हैं जिन्होंने आपातकाल थोपा था.

क्या कहते हैं जानकार

वरिष्ठ पत्रकार नवेंदु का कहना है कि आज का युवा मतदाता आपातकाल से सीधे नहीं जुड़ा है. उसके मुद्दे बेरोजगारी, शिक्षा, विकास और जातीय संतुलन हैं. ‘मीसा’ और ‘आपातकाल’ जैसे शब्द उसके लिए इतिहास की किताब का एक अध्याय भर हैं. फिर भी, बीजेपी इस मुद्दे को प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल कर रही है—लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के अपने दावे को मजबूत करने के लिए.

सियासी समीकरणों में कितना असर?

वास्तविकता यह है कि बिहार के मतदाता अब जातीय गणित, स्थानीय विकास और रोजगार जैसे ठोस मुद्दों पर ज्यादा केंद्रित हैं. सामाजिक न्याय की अवधारणा अब केवल विचार नहीं, बल्कि अपेक्षाओं का सवाल बन गई है. राजद अपने सामाजिक समीकरणों और मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक पर भरोसा करता है, तो जेडीयू-बीजेपी गठबंधन नीतीश की विकास छवि और मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश में है.

कुलिमिलाकर मीसा और आपातकाल जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए नैतिक रूप से प्रभावशाली जरूर हो सकते हैं, लेकिन बिहार चुनाव में शायद असरदार साबित न हों. एनडीए आपातकाल का मुद्दा बनाकर कांग्रेस और राजद पर वैचारिक हमला तो करने के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन यदि बीजेपी इसे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और विकास जैसे मौजूदा मुद्दों से नहीं जोड़ पाती तो यह युवाओं के लिए केवल भाषण का हिस्सा बनकर रह जाएगा.

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रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा…और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा… और पढ़ें

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