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अमेरिका-ईरान तनाव में एक और बड़ा ट्विस्ट, ट्रंप क्यों बोले- खामेनेई को भयानक मौत से बचाया?

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डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई

कूटनीतिक रूप से खुद को डैडी वाली उपाधि की चाहत रखने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर दिन नए डायलॉग के साथ चर्चा में आते हैं. दुनियाभर में हेडलाइंस में बने रहते हैं. इसकी वजह कभी ट्रंप के अति उत्साहित फैसले होते हैं. कभी ट्रंप की यूटर्न वाली नीति होती है तो कभी युद्ध और हमले की धमकी वाले शोले होते हैं. आज ट्रंप की चर्चा की वजह उनका धमकी बम ही है जिसके टारगेट पर ईरान है.

ईरान से बिगड़ते रिश्ते के बीच ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने खामेनेई की तरफ इशारा करते हुए कई बातें कहीं. ये कहा कि उन्होंने खामेनेई को भयानक मौत से बचाया. ट्रंप ऐसा पहले भी कह चुके हैं. ट्रंप का कहना है कि इजराइल ने खामेनेई की हत्या का पूरा प्लान बना लिया था. सिर्फ उनके कहने पर खामेनेई पर हमले का प्लान रुका और ये कहना चाहते हैं कि आज खामेनेई सिर्फ ट्रंप की वजह से जिंदा हैं.

कभी इजराइल की बात करते हैं तो कभी ईरान से डील की

सवाल यही है कि ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं, सवाल ये भी कि क्या ट्रंप ने अपने अलग-अलग फैसलों की तरह अलग अलग डायलॉगबाजी से ईरान को कंफ्यूज नहीं कर दिया है? ये वही ट्रंप हैं जिन्होंने कभी इजराइल की क्लास लगाई थी. कभी ईरान पर हमले का आदेश देते हैं. कभी ईरान से डील की बात करते हैं. फिर ईरान पर हमले की बात करते हैं और इस बार तो उन्होंने खुद को ईरान के सुप्रीम लीडर का रक्षक बता दिया.

ट्रंप बोले- उन्होंने खामेनेई को भयानक मौत से बचाया

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने खामेनेई को भयानक मौत से बचाया. ट्रंप के अनुसार ईरान पर इजराइल सबसे बड़ा हमला करने वाला था. ट्रंप ने ये भी लिखा कि उन्होंने इजराइल के जेट्स वापस बुलाए. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ईरान की मदद करने वाला था और वो उस पर लगे कई प्रतिबंधों को हटाने वाले थे, लेकिन ईरान अमेरिका के खिलाफ ही बयान दे रहा है. इसलिए अब अमेरिका ईरान से प्रतिबंध नहीं हटाएगा. ईरान एक बर्बाद होता देश है, जहां चारों तरफ मौत है.

ट्रंप के इन सारे शब्दों को सुनने के बाद हो सकता है आप भी थोड़ा कंफ्यूज होंगे ये सोचकर कि किस बात पर भरोसा किया जाए. ये सोचकर कि आखिर ट्रंप करना क्या चाहते हैं, आखिर ईरान के साथ ट्रंप की कूटनीतिक स्ट्रेटेजी क्या है? राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर घनघोर कन्फ्यूजन को आसान भाषा में समझाते हैं.

आखिर क्या चाह रहे ट्रंप?

नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत रखने वाले ट्रंप की चाहत है ये है कि पूरी दुनिया उन्हें सुपर बॉस माने. जबसे NATO के महासचिव ने ट्रंप को डैडी की उपाधि दी है उसके बाद से ऐसा लगता है ट्रंप के पैर जमीन पर तो बिल्कुल ही नहीं हैं. वो मिस्टर सीजफायर से भी एक कदम आगे बढ़ चुके हैं और चाहते हैं कि उन्हें दुनिया के देश डैडी टी शर्ट के माध्यम से थैंक्यू बोले. लाल डैडी टी शर्ट वाली तस्वीर बहुत वायरल भी हो रही है. कहा जा रहा है ट्रंप अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ऐसी टी शर्ट का प्रमोशन कर रहे हैं. इसका प्रचार कर रहे हैं. इस टी शर्ट में ट्रंप की तस्वीर है और लिखा है डैडी रेड टी शर्ट.

यहां पर ट्रंप खुद ये साबित कर रहे हैं कि वो राष्ट्रपति के साथ साथ उद्योगपति भी हैं. ऐसा लग रहा है ट्रंप का ये कूटनीतिक स्टार्ट अप है जिसके जरिए खुद को दुनिया का सुपर बॉस साबित करना चाहते हैं और अलग-अलग बयानों और फैसलों से ये कहना चाहते हैं कि अगर अमेरिका से दोस्ती रखनी है. अगर अमेरिका से मदद चाहिए तो डैडी टी शर्ट पहनो. फिलहाल ये संदेश ईरान के लिए है.खामेनेई को भयानक मौत से बचाने वाली बात कहकर वो एहसान भी जता रहे हैं और धमकी भी दे रहे हैं.

यूक्रेन से क्या उम्मीद कर रहे ट्रंप?

आश्चर्य की बात यही है कि जिस अमेरिका पर रूस-यूक्रेन युद्ध. इजराइल-ईरान युद्ध की चिंगारियां भड़काने का आरोप है. वहां के राष्ट्रपति नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत रखते हैं और ये उम्मीद करते हैं कि सारे देश मदद और शांति प्रयास के लिए उनका शुक्रिया करे. ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन को उनका शुक्रिया कहना चाहिए क्योंकि रूस के साथ युद्ध में अमेरिका ने मदद की थी.

यहां तक कि वो ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई से भी शुक्रिया कहने की उम्मीद रखते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रंप का दावा है उन्होंने इजराइल के हमलों से खामेनेई को बचाया. और तो और ट्रंप ये भी चाहते हैं कि इस युद्ध के दूसरे प्रतिद्वंदी इजराइल भी उनका शुक्रिया करे क्योंकि उन्होंने हथियारों से मदद की. आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ट्रंप थैंक्यू के इतने भूखे क्यों हैं.

(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)

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