रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
पुतिन ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को आड़े हाथों लिया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि हम विशेष सैन्य अभियान तक पश्चिम की वजह से ही पहुंचे हैं, यही रूस में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं. पुतिन का यह बयान तब आया है जब यूक्रेन को लेकर पहले ही पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव चल रहा है.
बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने कहा कि जब तक इस्लामिक स्टेट रूस के खिलाफ काम करता है, तब तक कोई इस पर ध्यान नहीं देना चाहता. मॉस्को में विस्फोट होते हैं, और ये आज भी हो रहे हैं. हालांकि कोई इस पर तब तक ध्यान नहीं देगा जब तक ये रूस के खिलाफ हैं.
पश्चिम ने रूस को बार-बार धोखा दिया
यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) के शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने सामूहिक रूप से हमारे देश में अलगाववाद बढ़ाने का काम किया है. अब मॉस्को पश्चिम के साथ एकतरफा खेल नहीं खेलेगा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने नाटो के विस्तार और यूक्रेन संघर्ष को हल करने से संबंधित अपने वादों को पूरा न करके रूस को बार-बार धोखा दिया है. पुतिन ने कहा कि नाटो वर्तमान में रूस की ‘आक्रामकता’ की ओर इशारा करके अपने सदस्य देशों की जीडीपी के 5 प्रतिशत तक रक्षा खर्च में वृद्धि और यूरोप में सैन्य निर्माण को उचित ठहरा रहा है. उन्होंने कहा कि ब्लॉक के सदस्य इस तरह के बयान देकर गलत कर रहे हैं.
यूक्रेन से संघर्ष दशकों पुराना, विशेष सैन्य अभियान की वजह नाटो
पुतिन ने कहा कि कोई भी इस बारे में बात नहीं करना चाहता कि रूस विशेष सैन्य अभियान तक कैसे पहुंचे. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की जड़ें दशकों पहले की हैं, जब मॉस्को से नाटो विस्तार के बारे में झूठ बोला गया था. पुतिन के मुताबिक नाटो की गतिविधियों के बारे में रूस की सुरक्षा चिंताओं को लगातार अनदेखा किया गया है और चुप्पी साधी गई है, क्या यह आक्रामक व्यवहार नहीं है, मगर पश्चिमी देश इस पर ध्यान नहीं देना चाहते.