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भारत ने किया खारिज, तो पाकिस्तान ने सिंधु नदी से जुड़े इस फैसले का किया स्वागत

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पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा और रतले जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर तथाकथित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में शिकायत की थी. अब इस कोर्ट का हालिया फैसला सामने आने के बाद पाकिस्तान का रिएक्शन सामने आया है. पाकिस्तान ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही सिंधु जल संधि से संबंधित मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत के संकेत दिए हैं.

दरअसल, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की देखरेख में सिंधु जल समझौता हुआ था. इसके तहत सिंधु नदी बेसिन की पश्चिमी नदियों (झेलम, चेनाब, और सिंधु) का पानी दोनों देशों के बीच बांटा गया, लेकिन पाकिस्तान लंबे समय से भारत की किशनगंगा (330 मेगावाट) और रतले (850 मेगावाट) प्रोजेक्ट पर सवाल उठाता रहा है.

पाकिस्तान ने क्या दावा किया?

पाकिस्तान का दावा है कि ये परियोजनाएं समझौते का उल्लंघन करती हैं और पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को प्रभावित करती हैं. भारत का कहना है कि ये प्रोजेक्ट ‘रन-ऑफ-द-रिवर’ तकनीक पर आधारित हैं, जो समझौते के नियमों के मुताबिक पूरी तरह वैध हैं. पाकिस्तान ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन से इन्हीं प्रोजेक्ट्स पर तथाकथित ‘सप्लीमेंटल अवॉर्ड’ (पूरक फैसला) मांगा था.

कोर्ट के फैसले का पाकिस्तान ने किया स्वागत

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अप्रैल में भारत ने सिंधु जल संधि को रोकने का जो फैसला लिया था, वो इस विवाद को सुलझाने की कोर्ट की शक्ति को कम नहीं करता. कोर्ट का फैसला दोनों पक्षों के लिए मान्य और बाध्यकारी है.

भारत ने जहां एक तरफ कोर्ट के इस फैसले को खारिज कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान ने इसका स्वागत किया है. पाकिस्तान ने शनिवार सुबह जारी एक बयान में कहा, इस मामले में इस वक्त सबसे अहम यह है कि भारत और पाकिस्तान सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के आवेदन सहित एक बातचीत का रास्ता तलाशें.

भारत ने फैसले को किया खारिज

जहां पाकिस्तान बातचीत का रास्ता तलाशने की बात कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ भारत ने शुक्रवार को इस फैसले को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने किशनगंगा और रतले जलविद्युत परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आपत्तियों से संबंधित मामले में फैसले का जिक्र करते हुए कहा, भारत कोर्ट के इस फैसले को खारिज करता है.

हालांकि, भारत ने यह बात भी साफ कर दी है कि वो कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन को मान्यता नहीं देता है. दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने इस फैसले को “बड़ी कानूनी जीत” बताया और इस बात पर जोर दिया कि यह एक साफ संदेश है कि भारत संधि को एकतरफा निलंबित या दरकिनार नहीं कर सकता है.

भारत ने सिंधु जल संधि को किया स्थगित

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को अटैक हुआ था. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी. इसी के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्त एक्शन लिया था. भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था.भारत ने साथ ही कहा था कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता, तब तक भारत इस समझौते के तहत कोई जिम्मेदारी निभाने को बाध्य नहीं है.

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