प्रतिनिधि, रंका रंका में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी, भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा परंपरा और श्रद्धा के साथ संपन्न हुई. रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और जय जगन्नाथ के नारों से पूरा शहर भक्तिमय वातावरण में डूब गया. रथयात्रा की शुरुआत रंका स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर से हुई. वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना के बाद राजपुरोहित पंडित बालेश्वर दुबे के सान्निध्य में लाल वस्त्र में सुसज्जित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के देव विग्रहों को रथ पर विराजमान किया गया. जैसे ही देव विग्रह रथ पर आसीन हुए, श्रद्धालुओं ने कोरेया पुष्प अर्पित कर भगवान से अपनी मनोकामनाएँ व्यक्त कीं.
शंखनाद और जयकारों के साथ निकली शोभायात्रा
रथयात्रा में शंखनाद, ढोल-नगाड़े, और भक्ति गीतों के बीच श्रद्धालु भक्तों ने रथ को खींचते हुए भगवान को फुलवारी स्थित मौसीबाड़ी तक पहुंचाया. हर कोई भगवान की एक झलक पाने को आतुर दिखा. रंग-बिरंगे परिधानों में सजे श्रद्धालुओं ने पूरे आयोजन को भव्यता प्रदान की.
आस्था की मिसाल बने श्रद्धालु, रथ खींचने की लगी होड़
रथ को खींचने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति का जबरदस्त ज्वार देखने को मिला. इस वर्ष रथयात्रा में रंका शहर के अलावा रंकाखुर्द, कंचनपुर, रबदा, डाले, खरडीहा, सलेया, हुरदाग सहित कई गांवों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया. महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही.
108 दीपक और 56 भोग से हुआ स्वागत
मौसीबाड़ी पहुंचने पर भगवान जगन्नाथ का पारंपरिक रूप से 108 दीपक जलाकर स्वागत किया गया और 56 भोग अर्पित कर आरती की गयी. इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया. परंपरा के अनुसार भगवान आठ दिनों तक मौसी के घर विश्राम करेंगे, फिर पुनः ठाकुरबाड़ी मंदिर में शोभायात्रा के साथ वापसी होगी.
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
रथयात्रा के दौरान प्रशासन पूर्णतः सजग रहा. मौके पर एसडीओ रुद्र प्रताप, एसडीपीओ रोहित रंजन सिंह, बीडीओ शुभम बेला टोपनो, सीओ शिवपूजन तिवारी, थाना प्रभारी चेतन कुमार सिंह और पुलिस बल के जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए थे.
राजा कुमार गोवर्द्धन प्रसाद सिंह के निर्देशन में सफल आयोजन
इस धार्मिक आयोजन का संचालन राजा कुमार गोवर्द्धन प्रसाद सिंह के संरक्षण में हुआ. मौके पर पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, कुमार गुलाब सिंह, कुमार गौरव सिंह, राजद जिलाध्यक्ष सूरज सिंह, दिलीप कुमार सिंह, शिक्षक धीरज सिंह, दीनबंधु पांडेय, पारसनाथ पांडेय, सत्यनारायण ओझा, संजय कुमार सिन्हा, उत्तम पांडेय, राजेश कुमार चौधरी, मोहित चौधरी, अमरेंद्र कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
आस्था, परंपरा और एकता का उत्सव बनी रथयात्रा
रंका की रथयात्रा न सिर्फ धार्मिक आयोजन थी, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का उत्सव भी बनकर सामने आई। श्रद्धालुओं की अपार उपस्थिति और उत्साह ने इसे एक अविस्मरणीय आयोजन बना दिया.
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