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ईरान का हाल देख डरा तुर्किए, अब इजराइल जैसा सेट करेगा डिफेंस सिस्टम

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तुर्किए इजराइल की तर्ज पर बनाने जा रहा है एयर डिफेंस शील्ड.

ईरान पर इजराइल की मिसाइलों की बौछार ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों को अलर्ट कर दिया है. तुर्किए ने वक्त रहते यह समझ लिया है कि अब सिर्फ बयानबाजी से कुछ नहीं होगा, टेक्नोलॉजी में इन्वेस्ट करना जरूरी है. इसी कड़ी में अब तुर्किए देशभर में इजराइल की तर्ज पर एक मजबूत एयर डिफेंस शील्ड तैयार करने जा रहा है.

इसका नाम है—स्टील डोम. तुर्किए के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में तुर्किए जमीन, हवा और समुद्र, तीनों स्तरों पर खुद को इस स्टील डोम से सुरक्षित करेगा.

क्या है तुर्किए का ‘स्टील डोम’?

ये डिफेंस सिस्टम इजराइल के आयरन डोम की तर्ज पर काम करेगा, जिसमें अलग-अलग लेयर में मिसाइल और ड्रोन हमलों से सुरक्षा की व्यवस्था होगी. यानी कोई भी दुश्मन मिसाइल या एयर स्ट्राइक अब तुर्किए के आसमान में पहुंचने से पहले ही तबाह कर दी जाएगी. डिफेंस मंत्रालय ने बताया कि ये सिस्टम पूरे देश में लागू किया जाएगा, न कि सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में.

मिसाइल से लेकर ड्रोन तक सब पर नजर

तुर्किए अब अपने डिफेंस सिस्टम को हर दिशा में अपग्रेड करने में जुट गया है. इसमें हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइल शामिल होंगी. इसके अलावा आधुनिक युद्धपोत, टैंक, एयरक्राफ्ट, बिना पायलट वाले ड्रोन और अगली पीढ़ी के एयरक्राफ्ट कैरियर भी प्लान में शामिल हैं. यानी तुर्किए अब जंग के हर मैदान जल, थल में खुद को तैयार कर रहा है.

NATO में भी मजबूत स्थिति

तुर्किए के पास नाटो की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी है. रक्षा मंत्रालय का दावा है कि तुर्किए ने नाटो के 2% डिफेंस बजट के टारगेट को पार कर लिया है और वो अब नाटो मिशनों में टॉप-5 कंट्रीज़ में गिना जाता है. इससे साफ है कि तुर्किए सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी ताकत दिखाना चाहता है.

इजराइल के आयरन डोम के बारे में जानिए

आयरन डोम एक छोटा लेकिन तेज रिएक्शन देता है. ये सिस्टम किसी भी शॉर्ट रेंज रॉकेट या मोर्टार को निशाना बनाता है. 4 से 70 किलोमीटर तक के रॉकेट को हवा में ही ध्वस्त कर देता है. इसके इंटरसेप्टर मिसाइल दुश्मन की मिसाइल को पहचान कर उसे रास्ते में ही खत्म कर देती हैं. इसका सक्सेस रेट 90% से भी ज्यादा माना जाता है. यही वजह है कि जब गाजा से सैकड़ों रॉकेट इजराइल पर आते हैं, तब भी ज्यादा नुकसान नहीं होता.

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