तमिलनाडु के मदुरै के एक तमिल परिवार में जन्मे सुंदर पिचाई ने IIT खड़गपुर से बीटेक किया.
गूगल के CEO सुंदर पिचाई एक बार फिर चर्चा में हैं. चर्चा की वजह है उनके मित्र और इस्कॉन भिक्षु गौरंगा दास. गौरंगा और सुंदर पिचाई IIT में एक ही बैच के छात्र थे. हाल में लंदन के इंडिया ग्लोबल फोरम में उनकी मुलाकात हुई. मुलाकात के दौरान सुंदर पिचाई ने उनसे कहा, आप ज्यादा युवा दिखते हैं. इस पर गौरंगा ने जवाब दिया कि आप तनाव से जूझते हैं, मैं भगवान से जुड़ा है.
तमिलनाडु के मदुरै के एक तमिल परिवार में जन्मे सुंदर पिचाई ने IIT खड़गपुर से बीटेक किया. इसके बाद शिक्षा के लिए विदेश का रुख किया. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैटेरियल साइंस में एमएस करने के बाद पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से MBA किया. अपने एक इंटरव्यू में सुंदर पिचाई कह चुके हैं कि मेरे अंदर एक भारत है. जानिए, भारत या अमेरिका, विदेश में बस चुके सुंदर पिचाई के पास किस देश की नागरिकता है.
गूगल CEO के पास किस देश की नागरिकता?
भारत के मदुरै में जन्मे सुंदर पिचाई अब अमेरिका के नागरिक हैं. उनके पास अमेरिका की नागरिकता है, लेकिन अब सवाल यह है कि भारत में जन्म लेने के बावजूद उनके पास अब भारत की नागरिकता है या नहीं. नागरिकता अधिनियम-1955 कहता है, भारत में दोहरी नागरिकता का नियम नहीं है. भारत में सिंगल सिटीजनशिप ही संभव है. इसका सीधा सा मतलब है कि भारत का नागरिक यहां की नागरिकता के साथ दूसरे देश की नागरिकता नहीं रख सकता.
अगर किसी भारतीय ने विदेशी नागरिकता हासिल कर ली है तो उसे भारत की नागरिकता छोड़नी होगी. अगर वो ऐसा नहीं भी करता है तो भारतीय नागरिकता स्वत: समाप्त मान ली जाती है. हालांकि, भारत सरकार ने इसके लिए एक व्यवस्था भी की है. ऐसे नागरिकों के लिए भारत OCI कार्ड जारी करता है.

गूगल CEO सुंदर पिचाई और इस्कॉन भिक्षु गौरंगा दास.
क्या होता है OCI कार्ड?
OCI का मतलब है ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया. ऐसे लोग जो भारतीय मूल के हैं, लेकिन किसी दूसरे देश की नागरिकता हासिल कर सकते हैं तो वो OCI कार्ड के जरिए विशेष अधिकार हासिल कर सकते हैं. OCI कार्डधारकों को भारत सरकार कई तरह की सुविधाएं देती है. ऐसे भारतीय मूल के लोग वीजा-फ्री भारत यात्रा कर सकते हैं. इन्हें भारत में अचल सम्पत्ति को खरीदने की अनुमति है. ये भारत में रह सकते हैं और काम भी कर सकते हैं.
हालांकि, इन्हें वो सभी अधिकार नहीं मिलते हैं जो आम भारतीयों को मिलते हैं. जैसे- भारतीयों को मतदान का अधिकार है वो OCI कार्ड धारकों को नहीं मिलता. OCI कार्ड धारकों को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है. इन्हें किसी भी तरह का संवैधानिक पद नहीं दिया जा सकता है.
भारत पर क्या बोले थे सुंदर पिचाई?
अपने एक इंटरव्यू में गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था, मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरे भीतर गहराई से बसा है. भारत में बिताए गए समय पर उन्होंने कहा, एक समय ऐसा भी था जब बुनियादी सुविधाएं दुर्लभ थीं. पांच साल की प्रतीक्षा सूची थी के बाद हमें एक रोटरी टेलीफोन मिला. इसने हमारे जीवन को बदल दिया. लोग अपने प्रियजनों को कॉल करने के लिए हमारे घर आते थे.
बुनियादी ज़रूरतें भी रोज़मर्रा की चुनौती थीं. हमारे पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. ट्रकों में पानी भरकर लाया जाता था. हर घर में आठ बाल्टी पानी दिया जाता था. कभी-कभी मेरी मां और हम लाइन में खड़े होकर पानी भरते थे. बचपन में मेरे दिमाग में भी यह विचार आया था कि तकनीक की पावर ही लोगों के जीवन को बदल सकती है.
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