Rath Yatra 2025: राजधानी रांची में कल 27 जून से ऐतिहासिक रथ यात्रा शुरू होने वाला है. मेले को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. मेला परिसर में कई बड़े-बड़े झूले लग गये हैं. साथ ही दूर-दूर से कई दुकानदार अपनी दुकानें लगाने के लिए पहुंच चुके हैं. इस बार मेले में 1500 से अधिक दुकानें लगायी जा रही है. इनमें रोमांचक झूले, मीना बाजार, मौत का कुआं, पारंपरिक मिठाइयों की दुकानें, कृषि उपकरण समेत विभिन्न दुकानें शामिल हैं.
मेले में इस बार मिलेगा रोमांचक झूलों का आनंद
इस वर्ष मेला परिसर में कई नये और रोमांचक झूले लगाये जा रहे हैं. प्रमुख झूलों में फ्रिसबी झूला (नाव की आकृति वाला), डांसिंग फ्लाइ, ड्रैगन ट्रेन, टोरा-टोरा, चांद तारा, ब्रेक डांस, सुनामी, रेंजर और बड़ा नाव जैसे झूले शामिल हैं. मेला परिसर में कुल 20 बड़े झूले लगाये जा रहे हैं, जिनमें से 10 झूलों की फिटिंग पूरी हो चुकी है.
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बच्चों के लिए 20 से अधिक छोटे झूले
बच्चों के लिए 20 से अधिक छोटे झूले भी लगाये जा रहे हैं. जिनमें स्कॉर्पियो, हेलिकॉप्टर, मिक्की माउस, टावर झूला, श्री-वन झूला, बेबी ट्रेन, सुनमुन ट्रेन प्रमुख हैं. मेले में इस बार दो “मौत के कुएं” लगाये जा रहे हैं, जहां बाइक और कार सवारों के हैरतअंगेज करतब दर्शकों को रोमांचित करेंगे. इनकी संरचना और फिटिंग का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. नये से पुराने झूलों का आनंद लेने के लिए 50 से 100 रुपये प्रति झुला खर्च करने पड़ेंगे. बच्चों के लिए बने झूलों की कीमत 50 से 80 रुपये के बीच होगी.
रांची समेत कई जगहों से आये झूला संचालक
मेले में झूले लगाने के लिए रांची, गुमला, सिसई, जमशेदपुर, पटना, बिहार शरीफ और कोलकाता से झूला संचालक पहुंचे हैं. रांची के वरिष्ठ झूला संचालक कुतुबुद्दीन भाई ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से इस मेले में झूले लगा रहे हैं और इस बार दर्शकों के लिए नये अनुभव होंगे. कोलकाता से आये मेरून दास ने कहा कि वह वर्षों से इस मेले से जुड़े हैं और झूलों की अंतिम तैयारी चल रही है.
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