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बिगड़ रहे हैं बांग्लादेश के लोग, सामने आई युनूस की आंखें खोलने वाली रिपोर्ट

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बांग्लादेश में बड़ी तादाद में नशे की गिरफ्त में हैं लोग.

बांग्लादेश में नशे की लत अब एक गंभीर सामाजिक संकट बन चुकी है. नशीले पदार्थ नियंत्रण विभाग (DNC) की ताज़ा ड्रग रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, देश में करीब 1.15 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार के नशे के आदी हैं. बांग्लादेश की कुल आबादी लगभग 17.15 करोड़ है, ऐसे में इसका मतलब है कि करीब 6 फीसदी आबादी नशे के चंगुल में फंसी हुई है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि एक व्यक्ति एक से अधिक ड्रग्स का भी सेवन कर सकता है. इस ओवरलैपिंग को ध्यान में रखकर कुल नशा करने वालों की संख्या 8.3 मिलियन (83 लाख) आंकी गई है. लेकिन ड्रग्स के कुल उपयोग की संख्या 1.15 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. यह पहली बार है जब DNC ने खुद इतना विस्तृत अध्ययन किया है. इससे पहले 2018 में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान द्वारा किए गए सर्वे में यह संख्या 36 लाख थी. इनमें से अधिकतर पुरुष हैं, लेकिन महिलाओं और बच्चों की संख्या भी चिंताजनक है.

किस नशे की लत सबसे ज्यादा?

DNC की रिपोर्ट के अनुसार करीब 61 लाख लोग गांजा के आदी हैं. यानी 52% लोगों को गांजे की लत लग गई है. वहीं 23 लाख यानी 20 फीसदी लोग याबा की नशे की गिरफ्त में हैं. शराब की लत करीब 22 लाख लोगों को है. फेंसिडिल और समान दवाएं 34.6 लाख, हेरोइन का नशा करीब 32 लाख लोग करते हैं. स्लिपिंग पिल्स यानी नींद की दवाओं से नशा करने वालों संख्या 3 लाख है. डैन्डी जैसे ग्लू से नशा करने वाले 16 लाख लोग हैं तो वहीं इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले 39 हजार

महिलाएं और बच्चे भी चपेट में

सर्वे में यह भी सामने आया कि महिलाएं और बच्चे भी इसकी चपेट में हैं. जहां 77.6 लाख पुरुष नशा करते हैं तो वहीं महिलाओं की संख्या 28.5 लाख है और बच्चों की संख्या 25.5 लाख है. इस आंकड़े से साफ है कि अब नशे की लत केवल बड़ों की नहीं रही, बच्चे और महिलाएं भी तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं.

सीमा से आ रहा ज़हर

हर साल अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर DNC अपनी रिपोर्ट जारी करता है. इस बार की ड्रग रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, भले ही बांग्लादेश खुद ड्रग्स का उत्पादक देश नहीं है, लेकिन भौगोलिक स्थिति के कारण यह अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के रूट्स के बीच में है. एक ओर है गोल्डन ट्रायंगल (म्यांमार, लाओस, थाईलैंड). दूसरी ओर गोल्डन क्रिसेंट (ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान) और साथ ही है भारत के सीमावर्ती इलाके. बांग्लादेश की भारत और म्यांमार के साथ 32 सीमाई ज़िले हैं, जिनमें से 104 जगहों को अत्यंत जोखिम भरा माना गया है.

कानून का डर नहीं, बड़ी मछलियां बाहर

देश में DNC, पुलिस, RAB, BGB और कोस्ट गार्ड मिलकर ड्रग्स के खिलाफ काम कर रहे हैं. लेकिन अक्सर देखा गया है कि छोटे तस्कर और नशा करने वाले लोग ही पकड़े जाते हैं, जबकि बड़े ड्रग माफिया कानून की पकड़ से दूर रहते हैं. 2024 में कुल 3,698 केसों में से 55% मामलों में सभी आरोपी बरी हो गए. कारण वही-सही ढंग से जांच नहीं होती, गवाह नहीं मिलते और केस कोर्ट में कमजोर हो जाते हैं.

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