होम राजनीति बिहारीगंज या खगड़िया…राजद में कहां ‘सेट’ होंगी पूर्व मंत्री रेणू कुशवाहा, आस लगाए टिकटार्थियों का क्या होगा?

बिहारीगंज या खगड़िया…राजद में कहां ‘सेट’ होंगी पूर्व मंत्री रेणू कुशवाहा, आस लगाए टिकटार्थियों का क्या होगा?

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रेणू कुशवाहा उदाकिशुनगंज और परिसीमन के बाद बने बिहारीगंज से विधायक रह चुकी हैं. पूर्व में मंत्री भी थीं. जब रेणू कुशवाहा का राजनीति चरम पर था, तब कोसी क्षेत्र में उनका दबदबा था. लेकिन, 2015 के विधानसभा चुनाव मे…और पढ़ें

मनीष वत्स. समता पार्टी, जदयू, भाजपा, लोजपा (आर) होते हुए पूर्व मंत्री रेणू कुशवाहा और उनके पति विजय सिंह कुशवाहा अब राष्ट्रीय जनता दल में आ गए हैं. कल ही अन्य नेताओं के साथ पति-पत्नी ने प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के समक्ष नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. चुनावी साल है, तो नेताओं का दल-बदल अभियान भी जारी है. पिछले कुछ वर्षों से अलग-अलग पार्टियों में समय गुजारने और पहले से टकटकी लगाए विधानसभा के टिकटार्थियों का प्रतिद्वंद्वी बनने का उनकी राजनीति पर कितना असर पड़ेगा, यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन, राजद में उनके आने के बाद खगड़िया और मधेपुरा के खासतौर से बिहारीगंज विधानसभा के राजद में हलचल तेज है. पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर स्थानीय नेताओं में भी चर्चा शुरू है कि रेणू कुशवाहा आगामी विधानसभा का चुनाव कहां से लड़ेंगी?

ये है बिहारीगंज विधानसभा का गणित
रेणू कुशवाहा उदाकिशुनगंज और परिसीमन के बाद बने बिहारीगंज से विधायक रह चुकी हैं. पूर्व में उद्योग और आपदा प्रबंधन मंत्री रह चुकी हैं. जब रेणू कुशवाहा का राजनीति चरम पर था, तब कोसी क्षेत्र में उनका दबदबा था. लेकिन, अब उनकी सीट से निरंजन मेहता जदयू से लगातार दो बार से जीत रहे हैं. इस बीच, रेणू देवी के पति विजय सिंह कुशवाहा ने भाजपा के टिकट पर 2014 में मधेपुरा से लोकसभा का और 2020 में लोजपा आर के टिकट पर बिहारीगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा था. दोनों चुनाव वे हार गए. विधानसभा चुनाव में तब उनके सामने जदयू के निवर्तमान विधायक निरंजन मेहता, कांग्रेस से शरद यादव की बेटी सुभाषिनी और राजद से बागी होकर पप्पू यादव की पार्टी जाप के उम्मीदवार रहे ई. प्रभाष थे. ई. प्रभाष लंबे समय से इस सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन, ऐन वक्त पर कांग्रेस के खाते में यह सीट चली गई और शरद यादव की बेटी सुभाषिनी को एडजस्ट कर दिया गया. ई. प्रभाष फिर से राजद में हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार तेजस्वी यादव उन्हें जरूर मौका देंगे.

बिहारीगंज में तेज है हलचल
बिहारीगंज विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 28-29 फीसदी है. जबकि, कोयरी-कुर्मी वोट हार-जीत का अंतर तय करता है. सवर्णों में भी उनकी पैठ रही है. कुल मिलाकर यह उनकी पसंद की सीट बन सकती है. ऐसे में जबकि रेणू कुशवाहा कोयरी जाति से आती हैं और बिहारीगंज विधानसभा में वे लंबे समय से राजनीतिक रूप से सक्रिय रहीं है, तो उनका चांस भी यहां से बन सकता है. उनके समर्थकों की मानें तो तेजस्वी यादव ने खासतौर से उन्हें बिहारीगंज के लिए ही पार्टी में लाया है. दूसरी ओर, पहले से टिकट की अरदास लगाए नेताओं का कहना है कि अपना राजनीतिक भविष्य बचाए रखने के लिए रेणू कुशवाहा खुद काफी समय से राजद में आने के लिए प्रयास कर रही थीं. उन्हें अभी टिकट का आश्वासन नहीं मिला है. मिलेगा भी तो बिहारीगंज छोड़कर शायद खगड़िया में कहीं से मिले. ऐसे नेताओं का तर्क है कि रेणू कुशवाहा ने जब राजद ज्वाइन किया तो बिहारीगंज विधानसभा से काफी कम समर्थक उनके साथ थे, ज्यादातर खगड़िया के ही समर्थक थे.

रेणू कुशवाहा का राजनीतिक सफर
रेणू कुशवाहा जदयू से तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं. फरवरी 2005 में मधेपुरा के उदाकिशुनगंज से जदयू की विधायक बनीं. इसी साल हुए उपचुनाव में भी रेणू कुशवाहा ने जीत दर्ज की. परिसीमन में यह सीट बिहारीगंज के नाम से बन गया. इसके बाद 2010 में उन्होंने बिहारीगंज सीट से रंजीता रंजन को हराया. इसके अलावा वर्ष 1999 में वह खगड़िया सीट से जदयू से सांसद रह चुकी हैं.

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खगड़िया से सांसद तो उदाकिशुनगंज-बिहारीगंज से विधायक रह चुकी हैं रेणू कुशवाहा

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