FASTag पूरे देश के 1728 टोल प्लाजा (1113 नेशनल हाईवे और 615 स्टेट हाईवे) पर चल रहा है। देश के कुल टोल भुगतान का 98.5% हिस्सा अब FASTag से होता है। लगभग 38 बैंकों ने मिलाकर 11 करोड़ 4 लाख से भी ज्यादा FASTag जारी किए हैं।
मोदी सरकार अब FASTag को सिर्फ हाईवे पर टोल भरने तक सीमित नहीं रखना चाहती। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री यह पता लगा रहा है कि कैसे इसी FASTag का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने, पार्किंग फीस देने और यहां तक कि वाहन बीमा का भुगतान करने के लिए भी किया जा सके। मकसद साफ है कि लोगों की सुविधा बढ़ाना, तकनीक के जरिए बेहतर शासन देना और FASTag की उपयोगिता को नए आयाम देना।
नए-नए आइडियाज तलाशने के लिए वर्कशॉप
इसी दिशा में बुधवार को एक बड़ा कदम उठाया गया। भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी (IHMCL), जो NHAI के अंतर्गत काम करती है, ने देश की तमाम फिनटेक कंपनियों के साथ एक वर्कशॉप की। इस बैठक का मकसद था FASTag सिस्टम के लिए नए-नए आइडियाज तलाशना।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस वर्कशॉप का मकसद फिनटेक कंपनियों से उनकी राय जानना था। खासतौर पर यह समझना कि FASTag को टोल के अलावा और कहाँ इस्तेमाल किया जा सकता है? साथ ही, नियमों का पालन कैसे सुनिश्चित हो, शिकायतों का निपटारा कैसे हो, सुरक्षा कैसे रहे – इन सब पर चर्चा हुई।
मल्टी-लेन फ्री फ्लो’ टोलिंग सिस्टम
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इस वर्कशॉप में एक और अहम मुद्दे ‘मल्टी-लेन फ्री फ्लो’ (MLFF) टोलिंग सिस्टम पर चर्चा हुई। यह एक ऐसी तकनीक है, जहां टोल प्लाजा पर रोकने वाली बैरियर नहीं होंगी। गाड़ी बिना रुके निकल जाएगी और उसका FASTag या वाहन नंबर प्लेट पढ़कर टोल काट लिया जाएगा। मंत्रालय चाहता है कि फिनटेक कंपनियां भी इस नई तकनीक के विकास में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
पूरे देश के 1728 टोल प्लाजा
फिलहाल, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) FASTag पूरे देश के 1728 टोल प्लाजा (1113 नेशनल हाईवे और 615 स्टेट हाईवे) पर चल रहा है। देश के कुल टोल भुगतान का 98.5% हिस्सा अब FASTag से होता है। लगभग 38 बैंकों ने मिलाकर 11 करोड़ 4 लाख से भी ज्यादा FASTag जारी किए हैं।
गडकरी ने क्या कहा
इस बारे में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “FASTag सिस्टम में सिर्फ टोल भरने से कहीं ज्यादा संभावनाएं हैं। यह पूरे देश में डिजिटल जर्नी को बेहद आसान बना सकता है। फिनटेक कंपनियों और दूसरे हितधारकों के साथ मिलकर हम FASTag को एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी, ट्रांसपोर्ट सेवाएं सुचारू होंगी और पूरे सेक्टर में दक्षता बढ़ेगी।”