होम देश CJI Gavai says Constitution is supreme all three wings of democracy work under it कुछ लोग कहते हैं संसद सबसे ऊपर, लेकिन ऐसा है नहीं… CJI गवई का किस पर निशाना?, India News in Hindi

CJI Gavai says Constitution is supreme all three wings of democracy work under it कुछ लोग कहते हैं संसद सबसे ऊपर, लेकिन ऐसा है नहीं… CJI गवई का किस पर निशाना?, India News in Hindi

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देश के मुख्य न्यायधीश जस्टिस बी आर गवई ने हाल ही में इस बात को दोहराया है कि हमारे देश में संविधान सर्वोच्च है। कुछ दिनों पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बयान दिया था कि संसद सबसे ऊपर है।

Jagriti Kumari पीटीआई, अमरावतीThu, 26 June 2025 10:32 AM

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई ने संसद, न्यायपालिका और संविधान के बीच सर्वोच्चता की बहस को आगे बढ़ाते हुए अहम टिप्पणियां की हैं। CJI गवई ने कहा है कि भारत का संविधान ही देश में सबसे ऊपर है और लोकतंत्र के तीनों अंग इसके हिसाब से ही काम करते हैं। इस दौरान CJI ने यह भी कहा है कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति जरूर है, लेकिन वह कभी भी संविधान के मूल ढांचे के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती।

पिछले महीने देश के 52वें सीजेआई के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस गवई बुधवार को अपने गृहनगर पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती में एकन समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि संसद संविधान के ऊपर है, लेकिन यह सच नहीं है।

भारत का संविधान ही सर्वोच्च- गवई

कार्यक्रम के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि इस बात पर हमेशा चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन सा अंग सर्वोच्च है, कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका। उन्होंने कहा, “कई लोग कहते हैं कि संसद सर्वोच्च है लेकिन मेरे हिसाब से भारत का संविधान ही सर्वोच्च है। लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं।”

जजों के कर्तव्यों पर जोर

CJI गवई इस दौरान जजों को लेकर भी बोले। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने से कोई न्यायाधीश स्वतंत्र नहीं कहला सकता। उन्होंने कहा, “जजों को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा कर्तव्य क्या है और हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं। हमारे पास सिर्फ शक्ति नहीं है, बल्कि यह एक कर्तव्य है।”

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सीजेआई ने आगे कहा कि जजों को इस बात से कतई प्रभावित नहीं होना चाहिए कि लोग उनके फैसले के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, “हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। लोग जो कहेंगे, वह हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता।” इस दौरान उन्होंने बुलडोजर जस्टिस को रोकने जैसे फैसलों का भी जिक्र किया।

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