बुधवार सुबह अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया के घर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की। 30 अफसरों की टीम ने कई डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त किया है।
पंजाब में सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के अमृतसर स्थित आवास पर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए छापेमारी की। इस दौरान मजीठिया के घर से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
विजिलेंस टीम ने मजीठिया के घर से जिन चीजों को जब्त किया, उनमें 29 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 2 आईपैड, 8 निजी डायरियां और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइलें शामिल हैं।
इस रेड का नेतृत्व AIG स्वरनदीप सिंह ने किया, जो हाल ही में सस्पेंशन से बहाल हुए हैं और फिलहाल विजिलेंस, मोहाली की फ्लाइंग स्क्वॉड का हिस्सा हैं। बताया गया है कि मजीठिया के आवास के अलावा राज्यभर में 24 अन्य ठिकानों पर भी एक साथ छापेमारी की गई।
पत्नी का आरोप- बिना जानकारी घर में घुसे 30 अधिकारी
बिक्रम मजीठिया की पत्नी गनीव कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विजिलेंस की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर में जबरन घुसकर तलाशी ली। उन्होंने सवाल उठाया, “ये सब क्या हो रहा है? किसके आदेश पर ये छापा डाला गया? हमें क्यों नहीं बताया गया?” वहीं, मजीठिया ने एक वीडियो जारी कर कहा कि विजिलेंस अफसर जबरदस्ती उनके घर में घुसे और उनके बच्चों को डराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है।
अकाली दल का विरोध
जैसे ही मजीठिया के घर रेड की खबर सोशल मीडिया पर फैली, बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ता और नेता मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इस रेड को AAP सरकार की तानाशाही करार दिया। अकाली दल की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “AAP सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। ये लोकतंत्र के खिलाफ है।”
पुराने मामलों से जुड़ी जांच
गौरतलब है कि मजीठिया पहले भी नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत जांच के घेरे में आ चुके हैं। दिसंबर 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मार्च 2025 में SIT ने दावा किया था कि मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी फर्मों में संदिग्ध विदेशी वित्तीय लेन-देन का पता चला है। माना जा रहा है कि विजिलेंस की ताजा कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा है।