पुलिस ने बताया कि जन मिलिशिया सदस्य निचले स्तर के कैडर होते हैं जिन्हें मुख्य रूप से लोगों के बीच माओवादी विचारधारा का प्रचार करने, बैनर और पोस्टर लगाने, अपने वरिष्ठ सहयोगियों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं और राशन लाकर देने का काम सौंपा जाता है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली, जब उसने चार इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक माओवादी पिछले साल दो पुलिसकर्मियों पर हुए हमले की वारदात में भी शामिल रहा था। उसने अधिकारियों की कार को निशाना बनाते हुए IED विस्फोट किया था। इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि चारों नक्सलियों पर कुल 10,000 रुपए का इनाम घोषित था और उनकी गिरफ्तरी फरसेगढ़ पुलिस थाना की सीमा के अंतर्गत उनके पैतृक गांव कोपनझारी से हुई।
इस बारे में पुलिस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि नक्सलियों की पहचान मंडो कुरसम (30), कैलाश कुरसम (30), पांडू कुरसम (30) और छोटे कुरसम (21) के रूप में हुई है। ये सभी माओवादियों के जन मिलिशिया सदस्य के रूप में सक्रिय थे। इनमें से मंडो कुरसम कथित तौर पर पिछले साल 15 मई को फरसेगढ़ इलाके में दो पुलिसकर्मियों की कार को निशाना बनाकर किए गए IED विस्फोट में शामिल था।
इस हमले के दौरान कार में सवार दोनों पुलिसकर्मी सुरक्षित बच गए थे, इनमें से एक फरसेगढ़ थाने के SHO (स्टेशन हाउस ऑफिसर) आकाश मसीह थे और दूसरे कांस्टेबल संजय थे। हालांकि विस्फोट की वजह से वाहन का बोनट क्षतिग्रस्त हो गया था। पुलिस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि गिरफ्तार अन्य माओवादी 15 दिसंबर, 2020 को इलाके में एक अर्थ मूवर मशीन, ट्रक और ट्रैक्टर को आग लगाने की वारदात में शामिल थे।
जन मिलिशिया सदस्य निचले स्तर के कैडर होते हैं जिन्हें मुख्य रूप से लोगों के बीच माओवादी विचारधारा का प्रचार करने, बैनर और पोस्टर लगाने, अपने वरिष्ठ सहयोगियों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं और राशन की आपूर्ति करने का काम सौंपा जाता है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी माओवादियों की गिरफ्तारी फरसेगढ़ पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत उनके पैतृक गांव कोपनझारी से हुई।