होम नॉलेज कब-कब किसी भारतीय की नागरिकता छीनी जा सकती है? सरदार जी-3 विवाद पर दिलजीत के लिए उठी मांग

कब-कब किसी भारतीय की नागरिकता छीनी जा सकती है? सरदार जी-3 विवाद पर दिलजीत के लिए उठी मांग

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‘सरदार जी 3’ में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर को कास्ट करने पर दिलजीत दोसांझ की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की जा रही है.

पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ की नागरिकता खत्म करने की मांग भारत सरकार से की गई है. अपनी फिल्म सरदार जी 3 के ट्रेलर में उन्होंने पाकिस्तान की अभिनेत्री हानिया आमिर को दिखाया है. पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद उपजे हालात के बीच पाकिस्तानी अभिनेत्री को लेकर फिल्म को भी प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है. आइए जान लेते हैं कि कब-कब किसी की भारतीय नागरिकता छीनी जा सकती है? क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया और नागरिकता हासिल करने की प्रोसेस क्या है?

सरदार-जी 3 में पाकिस्तानी अभिनेत्री को देखने के बाद फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्पलॉइज (FWICE) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसमें मांग की गई है कि दिलजीत दोसांझ के साथ ही साथ इस फिल्म के निर्माताओं पर भी हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जाए. यह मांग लेकर संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा है. इसमें अपील की गई है कि पंजाबी गायक का पासपोर्ट सीज कर उनकी नागरिकता हमेशा के लिए रद्द कर दी जाए.

भारत में सिंगल सिटीजनशिप का नियम

भारत में नागरिकता से जुड़े मामलों के लिए कानून है, जिसे नागरिकता अधिनियम-1955 के नाम से जाना जाता है. इस अधिनियम के तहत भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है. इसका मतलब है कि भारत का नागरिक किसी दूसरे देश का नागरिक नहीं हो सकता है. इस कानून में साल 2019 से पहले पांच संशोधन साल 1986, 1992, 2003, 2005 और 2015 में किए गए थे. साल 2019 में किए गए ताजा संशोधन के बाद इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिन्दू, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई और सिख को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान भी किया गया है.

ऐसे छीनी जा सकती है भारत की नागरिकता

नागरिकता अधिनियम-1955 की धारा-9 में बताया गया है कि किन तरीकों से भारत की नागरिकता खत्म हो सकती है. विशेष रूप से ऐसे तीन तरीके हैं, जिनसे किसी भी व्यक्ति की भारत की नागरिकता समाप्त हो सकती है. अगर कोई भारतीय नागरिक अपनी इच्छा से किसी और देश की नागरिकता हासिल कर ले तो उसकी भारतीय नागरिकता अपने आप ही समाप्त हो जाती है. इसके अलावा अगर कोई भारतीय नागरिक अपनी इच्छा से नागरिकता छोड़ दे तो भी उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है.

इनकी नागरिकता भी जा सकती

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पास इस बात का अधिकार है कि वह किसी को नागरिकता दे या फिर छीन ले. अगर कोई भारतीय नागरिक लगातार सात सालों से भारत से बाहर रह रहा हो तो गृह मंत्रालय उसकी नागरिकता छीन सकता है. अगर यह साबित हो जाए कि किसी व्यक्ति ने अवैध ढंग से भारत की नागरिकता हासिल की है, तो गृह मंत्रालय उसकी नागरिकता भी समाप्त कर देता है. देश विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति और संविधान का अपमान करने वाले व्यक्ति की भी नागरिकता छीनने का अधिकार गृह मंत्रालय के पास है.

ऐसे मिलती है भारत की नागरिकता

भारतीय नागरिकता का सबसे पहला प्रावधान है जन्म से नागरिकता का. भारतीय संविधान लागू होने (26 जनवरी, 1950) के बाद देश में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म से भारत का नागरिक होता है. यही नहीं, 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा ऐसा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक होता है, अगर उसके जन्म के समय माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक रहा हो. अगर किसी का जन्म भारत से बाहर किसी और देश में हुआ हो पर उसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो तो उसे भी भारत की नागरिकता मिलती है. इसके लिए दूसरे देश में जन्मे बच्चे का वहां स्थित भारतीय दूतावास में एक साल के भीतर पंजीकरण कराना होता है. ऐसा नहीं करने पर बच्चे की नागरिकता के लिए परिवार को भारत सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है.

क्या हैं आवेदन की शर्तें?

आवेदन के आधार पर भी भारत सरकार किसी को नागरिकता दे सकती है. इसके लिए अवैध प्रवासी को छोड़कर कोई व्यक्ति आवेदन कर सकता है. भारतीय मूल का कोई व्यक्ति नागरिकता के लिए आवेदन देने से पहले अगर भारत में कम से कम सात साल रहा हो तो उसे नागरिकता मिल सकती है.

भारतीय मूल का ऐसा व्यक्ति जो बंटवारे से पहले भारत के बाहर किसी दूसरे देश का नागरिक रहा हो. यानी पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा किसी अन्य देश का नागरिक अपनी नागरिकता छोड़कर भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. कोई ऐसा व्यक्ति जिसका विवाह किसी भारतीय से हुआ हो और वह कम से कम सात साल भारत में रह चुका हो, नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है.

राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के ऐसे नागरिक जो भारत में रह रहे हों या भारत सरकार की नौकरी में हों, वे भी आवेदन देकर भारत की नागरिकता ले सकते हैं. भारत की नागरिकता के लिए आवेदन गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर किया जा सकता है. इसके अलावा Indiancitizenshiponline.nic.in पर भी आवेदन होता है. भारत सरकार सभी मानकों की जांच-पड़ताल करने के बाद अलग-अलग विभागों की रिपोर्ट के आधार पर नागरिकता देती है. इसके लिए शर्त यही है कि आवेदन करने वाला भारती नागरिकता अधिनियम की तीसरी अनुसूची के मानकों पर खरा उतरता हो.

इनको अपने आप मिल जाती है नागरिकता

अगर किसी नए भू-भाग को भारत का हिस्सा बनाया जाता है तो वहां रहने वाले लोगों को अपने आप भारत की नागरिकता मिल जाती है. उदाहरण के लिए देश की आजादी के काफी बाद साल 1961 में गोवा और 1962 में पुडुचेरी को भारत का हिस्सा बनाया गया था. ऐसे में इन प्रदेशों में रहने वाले लोगों को स्वत: भारत की नागरिकता मिल गई थी.

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