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samajwadi party chief akhilesh yadav strategy to not expell four another rebel MLA

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UP Politics: समाजवादी पार्टी ने सोमवार को बागी विधायकों पर कार्रवाई करते हुए ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और गोसाईंगंज से विधायक अभय सिंह को निष्कासित कर दिया है. लेकिन अब पांच ऐसे विधायक है जिन पर कार्रवाई नहीं की गई है. सपा के इस फैसले के पीछे एक खास रणनीति है जिसके जरिए पार्टी ने इन सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश करेगी. माना जा रहा है कि सपा इसके ज़रिए ये संदेश देगी की आड़े वक्त में इन लोगों ने पार्टी से धोखा दिया लेकिन फिर भी पार्टी ने इनका साथ नहीं छोड़ा. 

समाजवादी पार्टी ने जिन चार विधायकों पर कार्रवाई नहीं की है उनमें कालपी से विधायक विनोद चतुर्वेदी, चायल सीट से विधायक पूजा पाल, जलालाबाद से राकेश पांडे और बिसौली सीट से विधायक आशुतोष मौर्य शामिल हैं. इन सभी विधायकों ने भी राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग कर सपा के साथ दगाबाजी की थी. इनके अलावा अमेठी से विधायक महाराजी देवी ने वोटिंग से दूरी बनाकर अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी की मदद की थी. राजनीतिक जानकारों की माने तो इसके पीछे सपा की पीडीए की रणनीति है जिसका आगे फायदा हो सकता है. 

बागी विधायकों के खिलाफ खास रणनीति
सपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने जिन बागी विधायकों पर कार्रवाई नहीं की है उसके पीछे भी एक बड़ी रणनीति है. सपा चुनाव के समय इन विधायकों के धोखे को उनके सजातीय समाज के रखकर समीकरण साधने की कोशिश करेगी और ये संदेश देने की कोशिश करेगी कि जब सपा को इनकी जरूरत थी ऐसे समय में इन विधायकों ने पार्टी के साथ धोखा किया लेकिन बावजूद इसके सपा नेतृत्व ने इनका साथ नहीं छोड़ा और न ही उन पर कोई कार्रवाई की गई. 

माना जा रहा है कि अगर इन विधायकों में से किसी को अपनी गलती का एहसास होता है और वो सपा अध्यक्ष के सामने अपना पश्चाताप करेंगे तो पार्टी ने इनमें से कुछ को दोबारा मौका भी दे सकती है. सपा की इस रणनीति से पार्टी की पीडीए के फॉर्मूले को और मजबूती से जनता के सामने पेश कर पाएगी. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव के बाद भी पार्टी की ओर से इन नेताओं के विरोध में कभी पार्टी की ओर से तल्खी नहीं देखी गई. 

सपा मुखिया पहले भी ये साफ कर चुके हैं कि उनके पीडीए में ए का मतलब अगड़ा हैं. ऐसे में विनोद चतुर्वेदी और राकेश पांडे पर कार्रवाई नहीं करना उनके इसी संदेश को पुख्ता करता है. सपा कई बार सार्वजनिक मंचों से योगी सरकार में ब्राह्मणों के उत्पीड़न का भी आरोप लगाती रही हैं. सपा मुखिया पहले भी इन पर कार्रवाई नहीं करने का संदेश दे चुके हैं.  

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