ईरान में मोसाद के तीन जासूसों को दी गई फांसी.
ईरान इन दिनों एक के बाद एक लोगों को जासूसी के आरोप में फांसी पर लटका रहा है. हालात ऐसे हैं कि बीते दो महीनों में हर दिन औसतन पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है. इन सबका एक ही जुर्म बताया जा रहा है- इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करना. अभी बुधवार को ईरान ने तीन लोगों को फांसी दी है.
दिलचस्प बात ये है कि इन फांसियों का एलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ईरान-इजरायल सीज़फायर की घोषणा के अगले ही दिन हुआ है. ट्रंप ने कहा था कि दोनों देश फिलहाल हमले रोकने पर राजी हो गए हैं. लेकिन ईरान के इस कदम से जाहिर है कि जमीनी हालात अब भी तनाव से भरे हुए हैं.
तीन और जासूसों को फांसी
तेहरान से आई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब तक 300 से ज्यादा लोगों को सजा दी जा चुकी है. बुधवार को ईरान ने तीन लोगों को फांसी दे दी. इन पर आरोप था कि ये मोसाद के लिए काम कर रहे थे और देश के अंदर हत्या की साजिश में शामिल थे. ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी मीजान के मुताबिक इन लोगों ने इजराइल के लिए संवेदनशील उपकरण तस्करी के जरिए देश में पहुंचाए थे जिनका इस्तेमाल किसी की हत्या में किया जाता है.
मोसाद से जुड़े साइबर चीफ को भी मिली मौत
सोमवार को ईरान ने मोहम्मदअमीन शायस्तेह नाम के राजनीतिक कैदी को भी मौत की सजा दी. आरोप था कि उसने इस्लामिक मूल्यों का अपमान किया और दुश्मन से मिलीभगत की. रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे 2023 के अंत में गिरफ्तार किया गया था और बाद में मोसाद से जुड़ा एक साइबर नेटवर्क चलाने का आरोप कबूल करवाया गया.
हर दिन मौत की सजा, 300 से ज़्यादा जासूसों को फांसी
ईरान ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट कहती है कि बीते दो महीनों में ईरान ने करीब 300 लोगों को फांसी दी है, जो विदेशी जासूसी में शामिल बताए जा रहे थे. इनमें माजिद मोसायबी नाम का व्यक्ति भी शामिल है, जिसे इजरायल को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में 22 जून को फांसी दे दी गई.
क्यों बढ़ा है ईरान का गुस्सा?
13 जून को इजरायल ने ईरान के कुछ अहम ठिकानों पर हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने अमेरिका और इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. तभी से देश में मोसाद से जुड़े लोगों की धरपकड़ तेज हो गई है. क़ुम प्रांत की पुलिस ने हाल ही में 22 और लोगों को हिरासत में लिया है, जो इजरायली एजेंसियों से जुड़े बताए जा रहे हैं. मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि साल 2024 में अब तक ईरान में 900 से ज़्यादा लोगों को फांसी दी जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या देशद्रोह और विदेशी एजेंसियों से संपर्क के आरोप में फांसी पाए लोगों की है.