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Sebi proposes governance revamp for market infra institutions mandates two EDs स्टॉक एक्सचेंजों के स्ट्रक्चर में होंगे बड़े बदलाव, सेबी का प्रपोजल, Business Hindi News

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शेयर बाजार नियामक सेबी ने कहा कि दोनों कार्यकारी निदेशकों को केएमपी (मुख्य प्रबंधकीय कार्मिक) के रूप में नामित किया जाएगा, जो परिचालन और विनियामक, अनुपालन, रिस्क मैनेजमेंट और निवेशक शिकायतों को देखेंगे।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 24 June 2025 10:46 PM

बाजार नियामक सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों के स्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है। सेबी ने परिचालन निगरानी को मजबूत करने के लिए दो कार्यकारी निदेशकों (ईडी) की नियुक्ति को अनिवार्य किया है। सेबी के प्रस्ताव में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एमआईआई (मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन) अपने कॉमर्शियल हितों को सार्वजनिक हित, अनुपालन और प्रणालीगत स्थिरता से नीचे रखें।

क्या करेंगे कार्यकारी निदेशक

इसके साथ ही सेबी ने कहा कि दोनों कार्यकारी निदेशकों को केएमपी (मुख्य प्रबंधकीय कार्मिक) के रूप में नामित किया जाएगा, जो परिचालन और विनियामक, अनुपालन, रिस्क मैनेजमेंट और निवेशक शिकायतों को देखेंगे। इसके अलावा प्रबंध निदेशक (एमडी) के साथ एमआईआई के शासी बोर्ड में शामिल किए जाएंगे। बता दें कि वर्तमान में एमडी के पास सभी क्षेत्रों में व्यापक अधिकार हैं, लेकिन सेबी ने कहा कि टेक्नोलॉजी, रिस्क मैनेजमेंट और निवेशक संरक्षण से संबंधित कार्यों में प्रशासनिक विफलताओं को रोकने के लिए सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। सेबी ने कहा है कि कार्यकारी निदेशकों का कद एमडी के बराबर होगा और वे अपने संबंधित कार्यक्षेत्रों में मुद्दों पर बोर्ड और बाजार नियामक को रिपोर्ट करेंगे।

सेबी की सिफारिशें

सेबी ने मजबूत इंटरनल सिस्टम को सुनिश्चित करने के लिए मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी, अनुपालन अधिकारी सहित अन्य मैनेजमेंट की भूमिकाओं को मजबूत करने की भी सिफारिश की है। इसके अतिरिक्त, सेबी ने एमडी और ईडी के बाहरी निदेशक पदों को सीमित करने का प्रस्ताव दिया है। एमडी केवल धारा 8 कंपनी या कॉमर्शियल गतिविधि में शामिल न होने वाली गैर-सूचीबद्ध सरकारी इकाई के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य कर सकते हैं।

हालांकि, कार्यकारी निदेशकों को एमआईआई की सहायक कंपनियों को छोड़कर किसी भी कंपनी में निदेशक पद से रोक दिया जाएगा। नियामक ने कहा कि एमआईआई की बढ़ती गंभीरता और जटिलता के मद्देनजर ये उपाय आवश्यक थे जैसा कि बढ़ते डीमैट खातों, बढ़ी हुई ट्रेडिंग वॉल्यूम और बढ़ते मुनाफे से स्पष्ट है।

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