UP Politics: समाजवादी पार्टी ने गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय को निष्कासित कर दिया है. जिसके बाद इन सीटों पर आगे की राजनीति को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं. इन तीनों विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में खासा दबदबा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के लहर के बीच भी इन्होंने 2022 में समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की थी. दावा है कि तीनों विधायक, भविष्य में विधायकी से इस्तीफा दे सकते हैं.
सपा से इन तीनों विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद इन विधायकों के पास अभी कई विकल्प है. सपा ने इन्हें निष्कासित किया है ऐसे में ये तीनों दल बदल क़ानून के दायरे से बाहर हो गए हैं. ऐसे में अगर ये खुद से इस्तीफा नहीं देते तो यूपी विधानसभा सदन में इन्हें निर्दलीय विधायक घोषित किया जा सकता है. अगर ये इस्तीफा देते हैं तो फिर उस सीट पर उपचुनाव होंगे. आईए आपको बताते हैं कि इन तीनों सीटों का जातीय समीकरण क्या है और इससे सपा या बीजेपी किसे ज्यादा फायदा होगा.
ऊंचाहार सीट का जातीय समीकरण
रायबरेली की ऊंचाहार सीट से मनोज कुमार पांडेय ने 2022 में जीत दर्ज की थी. वो लगातार तीन बार से यहां के विधायक है. बीजेपी के लहर में भी उन्होंने 2017 और 2022 दोनों बार जीत दर्ज की थी. लेकिन अब उनकी बीजेपी के साथ ही नजदीकियां है. खबरों की मानें तो वो अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी से उपचुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी हो सकती है.
ऊंचाहार सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां बड़ी संख्या में पासी और यादव मतदाता हैं जो चुनाव में जीत हार के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ऊंचाहार में 64 हजार पासी, 42 हजार यादव, 40 हजार ब्राह्मण, 36 हजार क्षत्रिय, 25 हजार मौर्य और 18 हजार मुस्लिम मतदाता है.
गोसाईगंज सीट का जातीय समीकरण
अयोध्या की गोसाईगंज सीट पर 2022 में सपा से अभय सिंह ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी की आरती तिवारी को 13079 वोटों के अंतर से हराया था. इस सीट पर बीते दो चुनावों में सपा और भाजपा के बाहुबली नेताओं में टक्कर देखने को मिली है. यहां दलित और ब्राह्मण वोट बैंक का बोलबाला रहा है. एक अनुमानित आकंड़े के अनुसार यहां 75 हजार दलित, 65 हजार ब्राह्मण, 40 हजार वर्मा, 40 हजार निषाद, 30 हजार वैश्य, 25 हजार ठाकुर, 25 हजार यादव, 25 हजार मुस्लिम और 50 हजार अन्य जाति के मतदाता है.
गौरीगंज सीट का जातीय समीकरण
अमेठी की गौरीगंज सीट पर दलित और ब्राह्मण वोटरों की सबसे ज्यादा संख्या है. इस सीट से 18 विधायक बने हैं जिनमें से 16 बार क्षत्रिय एक बार ब्राह्मण और एक बार मुस्लिम विधायक बना है. राकेश प्रताप सिंह भी क्षत्रिय समाज से आते हैं. वो 2012 से लगातार तीसरी बार के विधायक हैं. इस सीट पर ब्राह्मण- 90600, दलित- 48500, क्षत्रिय-46000, यादव- 35588, पिछड़ा वर्ग- 51000, मुस्लिम- 35000, वैश्य- 22000, कायस्थ- 12000 और अन्य जाति से 6000 वोटर हैं.
अगर इन तीनों सीटों पर उपचुनाव हुए तो पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम मतदाताओं के साथ-साथ अगड़े वोटर हार जीत का अंतर तय करेंगे.