होम बिज़नेस China will get a lesson India to decide on rare earth magnet subsidy scheme within 20 days रेयर अर्थ मैग्नेट पर भारत की बड़ी तैयारी, चीन को मिलेगा सबक, योजना पर फैसला जल्द, Business Hindi News

China will get a lesson India to decide on rare earth magnet subsidy scheme within 20 days रेयर अर्थ मैग्नेट पर भारत की बड़ी तैयारी, चीन को मिलेगा सबक, योजना पर फैसला जल्द, Business Hindi News

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केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा है रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू प्रोडक्शन पर सब्सिडी योजना शुरू करने के बारे में 15 से 20 दिन में निर्णय लिया जाएगा। इस योजना के तहत सब्सिडी की मात्रा निर्धारित करने के लिए विचार-विमर्श जारी है।

Rare Earth Magnet: चीन के हालिया आयात प्रतिबंधों के जवाब में भारत वर्तमान में जापान और वियतनाम के साथ रेयर अर्थ आयात के लिए बातचीत कर रहा है। इसके अलावा, देश रेयर अर्थ ऑक्साइड को चुम्बक में संसाधित करने के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसमें दो साल लगने की उम्मीद है। केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा है रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू प्रोडक्शन पर सब्सिडी योजना शुरू करने के बारे में 15 से 20 दिन में निर्णय लिया जाएगा। इस योजना के तहत सब्सिडी की मात्रा निर्धारित करने के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श जारी है। भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव कामरान रिजवी ने कहा कि यदि कुल प्रोत्साहन 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होता है, तो योजना को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा।

हैदराबाद की कंपनी से बातचीत

कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हैदराबाद की एक कंपनी है… वह इसमें रुचि दिखा रही है। उन्होंने वादा किया है कि वे इस साल के अंत यानी दिसंबर तक 500 टन की आपूर्ति करेंगे। हमने खान मंत्री के साथ चर्चा की है। हमारे सचिव और हमारा मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं, अंततः, मुझे लगता है कि 15 से 20 दिन के भीतर निर्णय लिया जाएगा।’’

सेमीकंडक्टर चिप के मैन्युफैक्चरिंग में रूकावट

चीन द्वारा प्रमुख मेटल्स के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत सहित कई देशों में वाहन और सेमीकंडक्टर चिप के मैन्युफैक्चरिंग में रूकावट देखी गई। सचिव ने कहा कि रेयर अर्थ के वास्तविक उत्पादन में करीब दो वर्ष लगेंगे। इस दौरान सरकार, उद्योग के साथ मिलकर जापान और वियतनाम सहित अन्य वैकल्पिक स्रोतों से खरीद की संभावना तलाशेगी। रिजवी ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि जापान और वियतनाम में दुर्लभ खनिज उपलब्ध हैं। हम वहां से इसे लेने का प्रयास कर रहे हैं।’’

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रेयर अर्थ मैग्नेट का कहां होता है इस्तेमाल

रेयर अर्थ मैग्नेट में नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन (एनडीएफईबी) शामिल है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन (दोपहिया व यात्री वाहनों) में ट्रैक्शन मोटर और इलेक्ट्रिक वाहन एवं परंपरागत वाहन (आंतरिक दहन इंजन) में पावर स्टीयरिंग मोटर (यात्री वाहनों में) के लिए किया जाता है। सब्सिडी से रेयर अर्थ ऑक्साइड को चुंबक में बदलने के लिए प्रोसेसिंग सुविधाएं स्थापित करने को निवेश मिल सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि परमाणु ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम इंडियन रेयर अर्थ मैग्नेट्स लिमिटेड के पास ही रेयर अर्थ मैग्नेट मैग्नेट का भंडार है। कंपनी के पास पास 1,500 टन चुंबक बनाने के लिए पर्याप्त रेयर अर्थ तत्व हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिलेगी मंजूरी या नहीं?

रिजवी ने कहा कि योजना केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए जाएगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रोत्साहन की मात्रा कितनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रोत्साहन के स्तर पर निर्भर करता है। यदि यह 1,000 करोड़ रुपये से कम है, तो (भारी उद्योग) मंत्री और वित्त मंत्री इसे कर सकते हैं। यदि यह 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, तो इसे मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि हमें अभी तक आवश्यक सब्सिडी की मात्रा का पता नहीं है। हितधारकों के साथ बातचीत जारी है और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं..‘‘ कोई 50 प्रतिशत चाहता है, कोई 20 प्रतिशत चाहता है, इसलिए यह प्रतिस्पर्धी बोली के अधीन होगा, तब ही हमें आवश्यक समर्थन की मात्रा का पता चलेगा।’’

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