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UP Assembly these six MLAs were disqualified from membership after 2022 in UP

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UP Politics: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जिसके बाद से प्रदेश की सियासत में हलचल देखने को मिल रहा है. हालांकि पार्टी से निकाले जाने के बाद भी इनकी विधायक जारी रह सकते हैं क्योंकि इन पर दल बदल कानून लागू हो नहीं हो पाएगा. साल  2022 के बाद यूपी के सियासत पर नजर डाली जाए तो बीते कुछ सालों पर नजर डाली जाए तो यूपी में सबसे ज्यादा विधायकों पर गाज गिरी है. 

उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक छह विधायकों की विधानसभा सदस्यता किसी न किसी वजह से रद्द हो चुकी है. इनमें इनमें तीन विधायक विपक्षी समाजवादी पार्टी से जुड़े थे जबकि तीन विधायक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के सदस्य रहे हैं. हालमें विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने का ये सबसे ज्यादा का आंकड़ा है. 

आजम खान: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने रामपुर सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन, योगी सरकार के पहले कार्यकाल में आजम खान के खिलाफ कई मुकदमें भी चल रहे थे. चुनाव के बाद आजम खान को साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच मामले दोषी ठहराया गया, जिसके बाद उनकी विधायकी रद्द हो गई. 

विक्रम सैनी: नवंबर 2023 में मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े मामले में दो साल की सजा सुनाई गई. सजा के एक महीने बाद विक्रम सैनी को भी अयोग्य घोषित कर दिया गया. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए और रालोद समर्थित मदन भैया ने चुनाव जीता. ये चुनाव आरएलडी ने सपा के साथ मिलकर लड़ा था. 

अब्दुल्ला आजम: फरवरी 2023 में रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक रहे अब्दुल्ला आज़म को भी एक मामले में दोषी ठहराया गया. जिसमें उन्हें दो साल की सजा हुई. साज के बाद उनकी विधायकी भी चली गई और इस सीट पर बीजेपी-अपना दल सोनेलाल के प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी ने जीत दर्ज की. 

रामदुलार गोंड: सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को नाबालिग लड़की से रेप मामले में 25 साल की सश्रम सजा सुनाई गई, जिसके बाद यूपी विधानसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें भी अयोग्य घोषित कर दिया गया. 

इरफान सोलंकी: कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक इरफ़ान सोलंकी भी एक महिला की जमीन पर अवैध कब्जा करने और आगजनी के मामले में दोषी पाए गए और कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई. जिसके बाद उनकी विधायकी रद्द हो गई. इस सीट पर हुए उपचुनाव में इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की. 

अब्बास अंसारी: पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराया गया. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई जिसके बाद मई 2025 में अब्बास अंसारी को भी अयोग्य घोषित कर दिया गया. अब्बास अंसारी ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा से विधायक थे.  

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