होम देश Maharashtra Hindi third language for class 1 to 5 students devendra Fadnavis government halt decision महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का फैसला रुका, कहां फंस रहा है पेच, India News in Hindi

Maharashtra Hindi third language for class 1 to 5 students devendra Fadnavis government halt decision महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का फैसला रुका, कहां फंस रहा है पेच, India News in Hindi

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महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लाने का फैसला फिलहाल रोक दिया है। महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं कक्षा के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर लागू किया जाना था। इसके पीछे विरोध को वजह माना जा रहा है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईTue, 24 June 2025 08:30 AM

महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लाने का फैसला फिलहाल रोक दिया है। महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं कक्षा के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर लागू किया जाना था। लेकिन सोमवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद इस पर रोक लग गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक अंतिम फैसले से पहले साहित्यिक दिग्गजों, विषय विशेषज्ञों और नेताओं से विचार-विमर्श किया जाएगा। माना जा रहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों के निकट आने के चलते प्रदेश सरकार ने यह फैसला रोका है।

हो रहा है तगड़ा विरोध
महाराष्ट्र में यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। कक्षा एक से पांचवीं तक में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने को लेकर यहां काफी विरोध हो रहा है। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इस फैसले का विरोध किया है। गौरतलब है कि आगामी स्थानीय चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना (शिंदे) मनसे को अपने साथ लाना चाहते हैं। विपक्ष ने कहाकि यह कदम भाजपा का है। वह प्रदेश में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में थोपना चाहती है। सिर्फ राजनीतिक तबकों ही नहीं, बल्कि साहित्य से जुड़े लोग भी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। साल 2021 में अपनी कविता के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित कवि हेमंत दिवाते ने कहाकि अगर हिंदी लागू की गई तो वह अपना पुरस्कार लौटा देंगे।

दूसरी बार पीछे हटी सरकार
यह दूसरी बार है जब प्रदेश सरकार को तीसरे भाषा के रूप में हिंदी को लागू करने को लेकर पीछे हटना पड़ा है। इसी साल अप्रैल में एक सरकारी निर्णय जारी हुआ था। इसमें कहा गया कि हिंदी तीसरी भाषा होगी और यह कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए अनिवार्य होगी। हालांकि मनसे और अन्य लोगों के विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला रोक दिया। 17 जून को राज्य ने एक संशोधित आदेश जारी हुआ। इसमें सरकार ने तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य हिंदी शब्द को हटा दिया। इसके बदले छात्रों को किसी अन्य भाषा का विकल्प चुनने का अवसर दिया, बशर्ते कम से कम 20 छात्रों ने उसके लिए विकल्प चुना हो।

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