मोहम्मद बिन सलमान
ईरान-इजराइल के बीच जारी संघर्ष ने दोनों देशों के साथ ही दुनियाभर को टेंशन में डाल दिया. इस लड़ाई के बीच कूदे अमेरिका ने 22 जून को ईरान के 3 न्यूक्लियर ठिकानों पर बमबारी कर उन्हें नष्ट कर दिया. कई देशों ने इसकी निंदा भी की. लेकिन सऊदी अरब ने बहुत सधा हुआ रुख अपनाया. लेकिन 23 जून की रात जब ईरान ने अमेरिका को जवाब देने के लिए कतर में उसके सैन्य ठिकानों पर हमले किए तो सऊदी ने कड़े शब्दों में निंदा की.
ईरान ने अमेरिका से बदला लेने के लिए सोमवार (23 जून) रात कतर में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर एक साथ कई मिसाइलें दागीं. ईरान ने सोमवार रात कुल 19 मिसाइलें दागीं थी, रिपोर्ट की मानें तो 18 मिसाइलों को डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही खत्म कर दिया.
दो बयानों से सामने आई सऊदी के दिल की बात
ईरान और कतर की अदावत किसी से छिपी नहीं है. कई बार खुले तौर पर दोनों देशों की खटास सामने आई है. हालांकि 12 जून से शुरू हुए ईरान-इजराइल संघर्ष पर सऊदी ने एक सधी हुई भूमिका निभाई. शुरुआत से ही पहले चुप्पी साधे रखी तो वहीं 21 जून को अमेरिका ने जब ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया तो सधे हुए शब्दों ने इस पर चिंता जताई.
#Statement | The Kingdom of Saudi Arabia is following with deep concern the developments in the Islamic Republic of Iran, particularly the targeting of Iranian nuclear facilities by the United States of America. pic.twitter.com/UETTccSNgc
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) June 22, 2025
दूसरी तरफ जब ईरान की तरफ से अमेरिका से बदला लेने के लिए 23 जून को अल-उदीद एयरपोर्ट पर मिसाइल दागी गईं तो सऊदी भन्ना गया. इस पूरे हमले के बाद सऊदी ने ईरान की कड़े शब्दों में निंदा की, इसके साथ ही बदले की चेतावनी दी. हालांकि इस पूरे मामले पर सऊदी ने अमेरिका पर कुछ नहीं बोला. इससे साफ है कि पहले की तरह ही सऊदी अमेरिका की गोद में बैठना चाहता है.
#Statement | The Kingdom of Saudi Arabia expresses its condemnation and denunciation, in the strongest terms possible, the aggression launched by Iran against the brotherly State of Qatar, which constitutes a flagrant violation of international law and the principles of good pic.twitter.com/XHueCFXRcc
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) June 23, 2025
सऊदी बोला- ये हमला रिश्तों का उल्लंघन
हमले के बाद 23 जून को ही रात में सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कतर के अल-उदीद एयरपोर्ट पर ईरान के मिसाइल हमले की निंदा की. मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और पड़ोसी देशों के रिश्तों का उल्लंघन बताया. मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह एक गैर जिम्मेदाराना कदम है, जिसे किसी भी हालात में सही नहीं ठहराया जा सकता है.
कतर ने की ईरान के हमले की निंदा
ईरान की तरफ से किए गए हमले के बाद कतर का सधा हुआ रुख खत्म हुआ. इसके बाद उसने ईरान को सीधे तौर पर चेतावनी दे डाली. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने कहा कि ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने अल-उदीद मिलिट्री बेस पर हमला करके कतर की संप्रभुता और एयर स्पेस का उल्लंघन किया है.
अल-अंसारी ने कहा कि कतर के पास हमले का जवाब देने का पूरा अधिकार है. कतर के एयर डिफेंस सिस्टम ने इस हमले को नाकाम कर दिया और ईरानी मिसाइलों का कामयाबी से रोक दिया है.
ईरान की कतर पर किए गए हमले को लेकर सफाई
ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा कि अल-उदीद एयरपोर्ट पर किया गया मिसाइल हमला कतर के रिहायशी इलाकों से दूर था. यह कार्रवाई हमारे दोस्त और भाईचारे वाले देश कतर और वहां के लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है. ईरान कतर के साथ अपने ऐतिहासिक रिश्तों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
ईरान पर हुए हमले पर सऊदी ने जताई थी चिंता
ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर 21 जून को हुए हमले के बाद दुनियाभर से कई तरह के बयान सामने आए. कोई इसके सही तो कोई इसे गलत ठहरा रहा था. अमेरिका की तरफ से किए गए हमले पर सऊदी अरब ने चिंता जताई थी.
अमेरिका को कुछ नहीं बोला सऊदी
कतर पर हुए हमले की असली वजह अमेरिका था. इसी की वजह से कतर के नागरिक मुश्किल में पड़ गए थे. अगर अमेरिका ईरान पर हमला न करता तो ईरान भी कतर में मौजूद अमेरिकी ठिकानों पर हमला न करता. हालांकि इस पूरे हमले का सऊदी ने अमेरिका के बजाय ईरान पर ठीकरा फोड़ दिया. इसके साथ ही बदले की चेतावनी भी दे डाली. सऊदी के इस बयान से साफ है कि अमेरिका से वो कुछ भी कहकर पंगा नहीं लेना चाहता है.