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up politics anti-defection law will not apply on samajwadi party expelled MLA abhay singh rakesh pratap and manoj pandey

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Samajwadi Party News: समाजावादी पार्टी ने सोमवार को तीन बागी विधायकों अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया. सपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी. सियासी जानकारों की मानें तो सपा की इस कार्रवाई से इन तीनों विधायकों को नुकसान से ज्यादा राहत ही मिली है. सपा से निष्कासन के बाद अब इन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा. ऐसे में अगर इन्होंने खुद से इस्तीफा नहीं दिया तो उनकी विधानसभा सदस्यता भी नहीं जाएगी. 

सपा ने सोमवार को गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. ये तीनों विधायक बीते साल राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वालों में शामिल थे. जिसके बाद से ही इनकी बीजेपी के साथ नजदीकियां भी देखी जा रही थीं. सपा ने तीनों पर पार्टी विरोध गतिविधियों का आरोप लगाकर पार्टी से निकाला है. 

दल बदल कानून के दायरे से हुए बाहर
समाजवादी पार्टी की ये कार्रवाई इन तीनों विधायकों के लिए फायदे का सौदा ही साबित होगी. तकनीकी रूप से अब इन विधायकों पर दल बदल का क़ानून लागू नहीं होगा. इसका मतलब ये हुआ कि पार्टी से निकाले जाने के बावजूद भी इनकी विधायकी तब तक नहीं जाएगी, जब तक ये खुद अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देते. ऐसे में विधानसभा स्पीकर इन विधायकों को असंबंधित यानी निर्दलीय विधायकों के तौर पर मान्यता दे सकते हैं और ये तीनों अपने कार्यकाल को पूरा कर सकते हैं. 

दरअसल दल बदल कानून के तहत सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रावधान है लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल खुद किसी विधायक को निष्कासित करता है तो उस पर ये क़ानून लागू नहीं होता. ऐसे में सपा की कार्रवाई के बाद ये तीनों विधायक भी अब दल बदल के कानून के दायरे से बाहर हो गए हैं. सपा की ओर से जब इनके निष्कासन की आधिकारिक जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को दी जाएगी तो वो उन्हें असंबंधित विधायकों के रूप में मान्यता दे सकते हैं. 

विधानासभा स्पीकर सतीश महाना ने इस पर कहा कि संबंधित राजनीति पार्टी से निष्कासित विधानसभा सदस्य असंबंद्ध घोषित किए जाते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होता है. दल बदल कानून तभी लागू होता है जब पार्टी विधानसभा सचिवालय को इस संबंध में अपनी याचिका देती है. निर्णय तथ्यों की रोशनी में गुण-दोष के आधार पर लिया जाता है. 

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