होम देश Students were made to clean the school premises to welcome Maharashtra minister स्कूल में आने वाले थे मंत्री जी, छात्रों से कराई गई सफाई; वीडियो वायरल होने पर हंगामा, Maharashtra Hindi News

Students were made to clean the school premises to welcome Maharashtra minister स्कूल में आने वाले थे मंत्री जी, छात्रों से कराई गई सफाई; वीडियो वायरल होने पर हंगामा, Maharashtra Hindi News

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पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री भुसे ने कहा, ‘अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यह गलत है। हम निश्चित रूप से इसकी जांच करेंगे।’ भुसे स्कूल में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

Niteesh Kumar भाषाMon, 23 June 2025 11:05 PM

महाराष्ट्र में बुलढाणा जिले के एक स्कूल के छात्रों से सोमवार को परिसर की सफाई कराई गई। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार में मंत्री दादा भुसे का स्वागत करने के लिए छात्रों को यह काम सौंपा गया था। हालांकि, बाद में मंत्री ने इस कदम को गलत बताया और जांच का वादा किया। देउलगांव राजा तालुका के सिंगाव जहांगीर में यह जिला परिषद स्कूल स्थित है। इसके परिसर, कक्षाओं और मैदान की सफाई करते छात्रों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

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पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री भुसे ने कहा, ‘अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यह गलत है। हम निश्चित रूप से इसकी जांच करेंगे।’ भुसे स्कूल में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता जयश्री शेलके ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

मराठी भाषा महाराष्ट्र की पहचान है: आव्हाड

दूसरी ओर, महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को थोपने को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की पहचान मराठी भाषा से है और लोगों को कोई भी भाषा सीखने के लिए बाध्य करना इसका समाधान नहीं है। एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक दल के नेता आव्हाड ने कहा कि यह विवाद वास्तविक मुद्दों से जानबूझकर ध्यान भटकाने की कोशिश है। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र की पहचान इसकी भाषा मराठी में है। कोई भी किसी को कोई भी भाषा सीखने से नहीं रोकता, लेकिन बाध्यता इसका जवाब नहीं है। जब गुजरात, तमिलनाडु या पश्चिम बंगाल में हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, तो महाराष्ट्र में इसे क्यों थोपा जाना चाहिए?’

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