होम देश india and china will impact if hormuz strait closed not america होर्मुज स्ट्रेट बंद हुआ तो कैसे चीन और भारत का घाटा, अमेरिका का कुछ नहीं जाता, India News in Hindi

india and china will impact if hormuz strait closed not america होर्मुज स्ट्रेट बंद हुआ तो कैसे चीन और भारत का घाटा, अमेरिका का कुछ नहीं जाता, India News in Hindi

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होर्मुज जलडमरूमध्य बंद किया गया तो भारत, चीन जैसे देशों को भी झटका लगेगा और तेल की सप्लाई प्रभावित होगी। ऐसी स्थिति में पेट्रोल, डीजल और गैस की किल्लत हो सकती है। इसके बंद होने से भारत से ज्यादा झटका पड़ोसी देश चीन को लगेगा। इसकी वजह यह है कि चीन सबसे ज्यादा तेल की खरीद ईरान से ही करता है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, वॉशिंगटनMon, 23 June 2025 12:52 PM

अमेरिका की ओर से अपने तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद ईरान की संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी दे दी है। यह गलियारा दुनिया की तेल और गैस सप्लाई के लिहाज से बेहद अहम है। यदि इसे बंद किया गया तो भारत, चीन जैसे देशों को भी झटका लगेगा और तेल की सप्लाई प्रभावित होगी। ऐसी स्थिति में पेट्रोल, डीजल और गैस की किल्लत हो सकती है एवं कीमतों में इजाफे की भी आशंका बनी रहेगी। इसके बंद होने से भारत से ज्यादा झटका पड़ोसी देश चीन को लगेगा। इसकी वजह यह है कि चीन सबसे ज्यादा तेल की खरीद ईरान से ही करता है।

वह अपनी जरूरत का 47 फीसदी हिस्सा मध्य पूर्व के देशों से खरीदता है और उस तेल की सप्लाई होर्मुज जलडमरूमध्य से ही होती है। यही नहीं भारत के लिए भी यह चिंता की स्थिति होगी क्योंकि हमारी जरूरत का 40 फीसदी तेल इसी रास्ते से होकर आता है। इसके अलावा ईरान से करीब 20 फीसदी तेल की खरीद भारत करता है। फिलहाल भारत सरकार ने रूस से तेल की खरीद बढ़ा दी है, लेकिन होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से कीमतों पर असर होगा और ऐसी स्थिति का फायदा रूस भी उठाना चाहेगा।

भारत हर दिन लगभग 50.5 लाख बैरल तेल का आयात करता है। इसमें करीब 20 लाख बैरल कच्चा तेल प्रतिदिन इसी जलमार्ग से होकर गुजरता है। भारत अपनी जरूरत का 90 फीसदी कच्चा तेल आयात ही करता है। यही स्थिति चीन की भी है। ऐसे में होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से भारत और चीन जैसे देशों का नुकसान अधिक होगा। वहीं ईरान जिस अमेरिका या पश्चिमी देशों को सबक सिखाना चाहता है। उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। वजह यह है कि अमेरिका तो तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है।

कभी अमेरिका पर होता था असर, पर अब पलट गई बाजी

एक दौर था, जब होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने से अमेरिका और यूरोप के आशंकित रहते थे। आज के समय में चीन और भारत जैसे देशों पर इसका अधिक असर होगा। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन यानी ईआईए की रिपोर्ट के अनुसार 2025 की पहली तिमाही में चीन ने इस रास्ते से 50.4 लाख बैरल क्रूड ऑयल का आयात किया। वहीं भारत ने इस रूट से 20.1 लाख बैरल तेल मंगवाया। इस स्ट्रेट के बंद होने से साउथ कोरिया और चीन को भी करारा झटका लगेगा। चीन और भारत के बाद एशिया में तेल खपत के मामले में इन दोनों देशों का ही नंबर आता है।

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