कांग्रेस सांसद शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का पक्ष अलग अलग देशों में रखने के लिए भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा थे। उन्होंने हाल ही में एक लेख के जरिए अनुभवों को साझा किया है। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ भी की है।
कुछ मुद्दों को लेकर पार्टी के साथ चल रहे कथित मतभेदों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधे हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री की ऊर्जा, जोश और लोगों से जुड़ने की उनकी इच्छा, देश के लिए एक संपत्ति है। शशि थरूर ने ये बातें द हिंदू के लिए लिखे गए एक लेख में कही हैं। शशि थरूर ने इस लेख में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजे गए डेलिगेशन के अनुभव भी साझा किए हैं। उन्होंने इसे कूटनीति के स्तर पर बेहद सफल दौरा बताया है।
शशि थरूर ने लिखा है कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह ऑपरेशन सिंदूर के जरिए कड़ी प्रतिक्रिया दी, उतनी ही अहम भारत द्वारा भेजे गए डेलिगेशन के जरिए कूटनीतिक बातचीत भी थी। उन्होंने लेख में कहा है, “22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया बेहद जरूरी थी। जैसे तत्काल सैन्य कार्रवाई निर्णायक साबित हुई, वैश्विक धारणाओं को आकार देने में उसके बाद की कूटनीतिक पहुंच उतनी ही महत्वपूर्ण थी।”
बता दें कि शशि थरूर गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा थे। उन्होंने कहा है कि सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करना एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करता है।
उन्होंने कहा है कि इस डेलिगेशन की सबसे खास बात यह थी कि इसने एक मजबूत विदेश नीति की आवाज को पूरे विश्व में स्थापित किया। उन्होंने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल की संरचना, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दल, राज्यों और धर्मों के संसद सदस्य शामिल थे, ने इस बात को रेखांकित किया कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का सामना करने की बात आती है, तो भारत एक स्वर में बोलता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि डेलिगेशन ने ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को स्पष्टता प्रदान की। इस दौरान इस बात पर जोर दिया दिया गया कि भारत की कार्रवाई कितनी जरूरी थी। कोलंबिया द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के हताहत होने के अपने प्रारंभिक बयान को वापस लेना और भारत के प्रति समर्थन की पुनः पुष्टि करना कूटनीतिक जीत का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि डेलिगेशन ने पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच सांठ-गांठ को एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने लाने का काम किया।
उन्होंने अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और लोगों से जुड़ने की इच्छा की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की यह खूबियां वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति है।