होम बिज़नेस america also jumped into iran israel war inflation bomb may explode in india ईरान-इजरायल जंग: तेल से लेकर रोटी तक, भारत में हर चीज पर पड़ सकता है भारी असर, Business Hindi News

america also jumped into iran israel war inflation bomb may explode in india ईरान-इजरायल जंग: तेल से लेकर रोटी तक, भारत में हर चीज पर पड़ सकता है भारी असर, Business Hindi News

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ईरान-इजरायल की यह लड़ाई सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं रहेगी। इसकी आंच से मालभाड़ा महंगा होगा, तेल-गैस के दाम बढ़ेंगे और आयात-निर्यात पर भारी खर्च आएगा। ये सारा खर्चा आखिरकार हम सबके घर के बजट पर भारी पड़ेगा और महंगाई को हवा देगा। जंग जितनी लंबी चलेगी, ये मुसीबतें उतनी ही बढ़ती जाएंगी।

ईरान-इजरायल युद्ध में अब अमेरिका के कूदने से इस लड़ाई के लंबा चलने की आशंका बढ़ गई है। भारत के लिहाज से देखा जाए तो यह संघर्ष व्यापार के मार्चे पर काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे न केवल इजरायल और ईरान के साथ भारत का कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि पश्चिम एशियाई देशों के साथ भी भारत के व्यापार पर व्यापक असर पड़ सकता है।

युद्ध का भारत पर क्या-क्या पड़ सकता है आर्थिक प्रभाव

1. महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर संकट

हॉर्मुज जलडमरूमध्य: ईरान द्वारा बंद करने की धमकी से भारत के 60% गैस और 50% कच्चे तेल के आयात पर खतरा यह रास्ता दुनिया के 20% तेल व्यापार के लिए जिम्मेदार है और सिर्फ 21 मील चौड़ा है।

लाल सागर मार्ग: यूरोप-भारत के 80% व्यापार का गलियारा प्रभावित होने से जहाजों को अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से घूमना पड़ रहा है, जिससे डिलीवरी में 14-20 दिन की देरी और माल ढुलाई महंगी हो रही है

2. कच्चे तेल की कीमतों में विस्फोटक उछाल: युद्ध शुरू होते ही तेल की कीमतों में 11% उछाल, ब्रेंट क्रूड $75/बैरल से $120/बैरल तक पहुंचने की आशंका है।

भारत पर असर: तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल, एलपीजी और बिजली की लागत बढ़ेगी। हर $10/बैरल की बढ़ोतरी से महंगाई दर में 0.35% का इजाफा हो सकता है

3. 3.6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार खतरे में: पश्चिम एशियाई देशों (इराक, जॉर्डन, यमन आदि) के साथ भारत का ₹3.6 लाख करोड़ ($41.7 अरब) का सालाना व्यापार प्रभावित हो रहा है। इन देशों की भारत के कुल निर्यात में 34% हिस्सेदारी है।

ईरान को भेजा जाने वाला बासमती चावल (हरियाणा से 30-35% निर्यात) रुका हुआ है, क्योंकि युद्ध में कार्गो बीमा नहीं होता।

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4. आम आदमी की जेब पर असर

ईंधन और खाने के दाम बढ़ेंगे: परिवहन महंगा होने से सब्जियां, फल और रोजमर्रा की चीजें महंगी होंगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उत्पाद: इजरायल से इलेक्ट्रॉनिक्स व ईरान से खाद के आयात में रुकावट से मोबाइल, लैपटॉप और फसलों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

सोना महंगा: अस्थिरता के कारण सोने की कीमतें ₹1 लाख/10 ग्राम से ऊपर जा सकती हैं।

5. मैक्रो इकोनॉमी पर गहराता संकट

चालू खाता घाटा बढ़ेगा: तेल आयात बिल में $13-14 अरब की वृद्धि का अनुमान, जिससे घाटा जीडीपी का 0.3% तक पहुंच सकता है।

जीडीपी ग्रोथ घटेगी: तेल की कीमतें $80/बैरल पहुंचने पर विकास दर 0.2% कम हो सकती है।

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भारत पर क्या असर हो सकता है?

युद्ध के बीच निर्यात से जुड़े मार्ग प्रभावित होने से निर्यात लागत बढ़ेगी।

निर्यात लागत बढ़ने पर वस्तुओं की कीमतें बढ़ने पर भारत में महंगाई बढ़ेगी।

युद्ध की स्थिति में रुपये पर दबाव पड़ेगा और सरकार की वित्तीय योजना में दिक्कत आ सकती है।

पोत परिवहन और कंटेनर से जुड़ी दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।

इजरायल के साथ कारोबार

वर्ष 2024-25 में इजरायल को भारत ने 2.1 अरब डॉलर का निर्यात किया। वहीं आयात करीब 1.6 अरब डॉलर का रहा।

पिछले वित्त वर्ष में ईरान से भारत का आयात 441.8 अरब डॉलर था।

इन देशों के साथ भी असर

शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, व्यापक क्षेत्रीय तनाव से इराक, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और यमन सहित पश्चिम एशियाई देशों के साथ भी भारत के व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। यहां भारतीय निर्यात कुल 8.6 अरब डॉलर और आयात 33.1 अरब डॉलर है। युद्ध ने पहले ही ईरान और इजरायल को भारत के निर्यात को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।

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