NIA ने जांच के दौरान पोनी ऑपरेटरों, दुकानदारों, फोटोग्राफरों समेत 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, परवेज की एक जान-पहचान पोनी ऑपरेटर से थी और दोनों की पत्नियों ने आपस में आतंकी के आने की चर्चा की थी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ा सुराग मिला है। जांच एजेंसी ने कहा है कि हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। दो कश्मीरी नागरिकों परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने हमलावरों को अपने घर में रहने की जगह, खाना और अन्य सहूलियतें मुहैया कराईं।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में एनआईए सूत्रों के हवाले से कहा है कि 20 अप्रैल की रात को तीनों आतंकी इन दोनों व्यक्तियों के घर पहुंचे थे। सूत्रों का कहना है, “आतंकियों ने खाना मांगा, पैसा दिया और किसी को न बताने की धमकी भी दी।”
गलत साबित हुए स्केच
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जिन तीन संदिग्धों (हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा और आदिल हुसैन ठोकर) के स्केच जारी किए थे वे गलत साबित हुए हैं। जांच में सामने आया कि असली हमलावरों में से एक सुलेमान शाह है, जो पिछले साल एक सुरंग पर हुए आतंकी हमले का भी आरोपी है। इस हमले में सात मजदूरों की मौत हो गई थी। उसका एक सहयोगी मारा जा चुका है। उसके फोन से मिली तस्वीरों को एनआईए ने संदिग्धों की पहचान के लिए इस्तेमाल किया।
गिरफ्तार आरोपियों ने किया खुलासा
NIA और केंद्रीय एजेंसियों ने हमले से पहले के दिनों की कई तस्वीरें परवेज और बशीर को दिखाईं। उन्होंने पहचाना कि हमले से दो दिन पहले यही लोग उनके घर आए थे। अन्य चश्मदीदों ने भी इन तस्वीरों में दिख रहे आतंकियों की पुष्टि की है। आपको बता दें कि कश्मीर में हुए एनकाउंटर में मारे गए आतंकी जुनैद के फोन से ये तस्वीरें मिली थीं।
जांच एजेंसियां अब पिछले हमलों (अगस्त 2023 के कुलगाम में तीन सैनिकों की हत्या, मई 2023 के पूंछ में वायुसेना जवान की हत्या) में भी सुलेमान शाह की संलिप्तता की जांच कर रही हैं।
जानबूझकर दी पनाह
NIA ने दोनों स्थानीय नागरिकों को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। प्रवक्ता के मुताबिक, “परवेज और बशीर ने हमलावरों को जानबूझकर अपनी झोपड़ी में पनाह दी और उन्हें खाना, आश्रय और रसद सहायता दी।”
NIA ने जांच के दौरान पोनी ऑपरेटरों, दुकानदारों, फोटोग्राफरों समेत 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, परवेज की एक जान-पहचान पोनी ऑपरेटर से थी और दोनों की पत्नियों ने आपस में आतंकी के आने की चर्चा की थी।