इजरायल ने कहा कि उसने ईरान के देजफुल हवाई अड्डे पर 2 लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया है। एफ-5 लड़ाकू विमान ईरान के पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े का हिस्सा हैं। इजरायल ने फुटेज जारी की है जिसमें एक विमान नष्ट होते हुए देखा गया है।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की जमकर आलोचना की। ओवैसी ने कहा कि अमेरिका के इस हमले से नेतन्याहू को फायदा हुआ है, जिन्हें उन्होंने फिलिस्तीनियों का कसाई करार दिया। ओवैसी ने कहा, ‘यह व्यक्ति फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है और वेस्ट बैंक व गाजा में जातीय सफाई कर रहा है। इतिहास उन्हें फिलिस्तीनियों के कसाई के रूप में याद रखेगा।’ मालूम हो कि अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो में परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की भी कड़ी आलोचना की। लोकसभा सांसद ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान ने ट्रंप का समर्थन एक संप्रभु राष्ट्र पर बमबारी देखने के लिए किया था। उन्होंने रविवार को हैदराबाद में कहा, ‘पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या इसके लिए वे ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देना चाहते हैं?’ क्या पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच किया था? आज इन सबकी पोल खुल गई है।’
भारत पर असर को लेकर क्या बोले ओवैसी
हैदरबाद के सांसद ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर इस क्षेत्र में पूर्ण पैमाने पर युद्ध छिड़ता है, तो भारत के लिए गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी याद रखना चाहिए कि खाड़ी और मध्य पूर्व में 1.6 करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं। अगर वहां युद्ध छिड़ता है, जो दुर्भाग्य से बहुत संभावित है, तो वहां रहने वाले भारतीयों पर इसका गंभीर असर पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय कंपनियों ने वहां भारी निवेश किया है और इस क्षेत्र से विदेशी निवेश का बड़ा हिस्सा आता है।