अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान को चेतावनी दी थी कि उसके पास संभावित सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए दो सप्ताह का समय है, लेकिन इसके ठीक दो दिन बाद अमेरिकी सेना ने ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमला किया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप जमीनी सेना भेजने का फैसला करने से पहले बातचीत के विकल्प पर विचार कर रहे थे. तुर्किए के राष्ट्रपति ने भी इस मामले में भूमिका निभाई, जो बातचीत को नहीं रोक सकी.
अल्टीमेटम के बाद ईरान पर अमेरिका का हमला
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