भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उस बयान से अलग कर लिया है, जिसमें इजरायल के हमलों की निंदा की गई थी। भारत ने इस बयान पर चर्चा में भाग नहीं लिया। ईरान ने भारत और अन्य मित्र देशों से इजरायल के सैन्य हमलों की निंदा करने की अपील की है। उसने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, और क्षेत्रीय तेल आपूर्ति पर संभावित खतरे की आशंका बढ़ रही है। ईरानी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने यह भी आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे ईरान के हितों को नुकसान पहुंचे।
भारत ने इस तनाव पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह दोनों देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है और स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम इजरायल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रमों से गंभीर रूप से चिंतित हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं।”