आज के कारोबार में मोबिक्विक का शेयर भाव 7.15% गिरकर ₹250.15 पर पहुंच गया। ये उसके आईपीओ प्राइस ₹279 से भी करीब 10% नीचे है। मोबिक्विक एक डिजिटल पेमेंट्स कंपनी है और ये गिरावट इसलिए आई, क्योंकि आज उसके कुछ शेयरधारकों के लिए “लॉक-इन पीरियड” खत्म हो गया। ये वो समय होता है, जब आईपीओ के बाद शेयर बेचने पर रोक होती है। नुवामा ऑल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉक-इन खत्म होने से लगभग 3.8 करोड़ शेयर अब बाजार में बेचे जा सकेंगे। पिछले साल शेयर बाजार में हुई थी जबरदस्त एंट्री। उसका आईपीओ प्राइस ₹279 था, लेकिन लिस्टिंग के दिन ही ये शेयर 58% के भारी प्रीमियम पर खुला था। पर उसके बाद से इसका सफर आसान नहीं रहा। इसने अपने सबसे ऊंचे स्तर ₹698 (लिस्टिंग के बाद वाला हाई) से अब तक करीब 64% की भारी गिरावट झेली है। जनवरी में कंपनी ने अपने सितंबर तिमाही के नतीजे पहली बार मार्केट में लिस्ट होने के बाद पेश किए। इन नतीजों में कंपनी को ₹3.6 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि पिछले साल की उसी तिमाही में उसे ₹5.3 करोड़ का मुनाफा हुआ था। हालांकि, पिछली तिमाही (जून 2024) के नुकसान (₹6.4 करोड़) के मुकाबले ये नुकसान कम जरूर है। कंपनी की कमाई (ऑपरेशन से रेवेन्यू) पिछले साल की उसी तिमाही के मुकाबले 43% बढ़कर ₹291 करोड़ पर पहुंच गई। कंपनी का ऑपरेटिंग मुनाफ़ा (EBITDA) पिछले साल की तुलना में 37% घटकर ₹6.8 करोड़ रह गया। मार्जिन बढ़कर 5.2% हो गया है, जो पिछले साल इसी तिमाही में 2.3% था।
मोबिक्विक कंपनी का शेयर आईपीओ प्राइस से नीचे, ये है वजह
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