ईरान-इजरायल जंग भयानक रूप ले रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली पीएम नेतन्याहू के बयान से पहले ही संकेत मिल चुके हैं, लेकिन ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने जंग की शुरुआत की घोषणा की है। खामेनेई ने एक्स पोस्ट में लिखा है, “महान हैदर के नाम पर, लड़ाई शुरू होती है। अली अपनी जुल्फिकार के साथ खैबर लौटते हैं।” इसके बाद इजरायल में हड़कंप मचने का अंदेशा है। अली खामेनेई ने 4 ऐसे शब्दों का उपयोग किया है जो सबका ध्यान खींच रहे हैं – हैदर, अली, जुल्फिकार और खैबर। यह शब्दों का इतिहास और हालिया जंग से संबंध बताते हैं।
हैदर और अली
हैदर नाम का इस्तेमाल हजरत अली के लिए किया जाता है, जो इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। अली का अरथ ‘शेर’ होता है, जो शक्ति और नेतृत्व का प्रतीक है। खामेनेई ने अपनी पोस्ट में ‘जुल्फिकार’ का उल्लेख किया है, जो इमाम अली की दोहरी तलवार को कहा जाता है। यह तीनों शब्द – हैदर, अली, और जुल्फिकार – उनकी वीरता और शक्ति को दर्शाते हैं।
खैबर का इतिहास
खैबर की लड़ाई 628 ई. में हुई थी, जिसमें पैगंबर मोहम्मद और अली के नेतृत्व में अरब प्रायद्वीप में खैबर के यहूदी कबीलों को हराया गया था। इस लड़ाई ने उनकी शक्ति और निर्भीकता को प्रकट किया। ईरान-इजरायल जंग में ‘खैबर’ का उपयोग एक ऐतिहासिक संघर्ष का स्मरण दिलाने के लिए किया जा रहा है।
ईरान-इजरायल जंग
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध को इस्लाम और यहूदी समुदाय के बीच की जंग के रूप में पेश किया जा रहा है। ईरान इजरायल को फिलिस्तीन पर कब्जा करने और मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाता है। ईरान में ‘खैबर’ का उपयोग इजरायल या यहूदी विरोधियों के लिए एक कोडित शब्द माना जाता है।
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