भारत अपनी शानदार आर्थिक वृद्धि के चलते वर्ष 2030 तक वैश्विक तेल मांग की अगुवाई करेगा और 10 लाख बैरल तेल प्रतिदिन की मांग बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक तेल मांग में इस दशक के अंत तक 25 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की वृद्धि होने की उम्मीद है। इस तरह तेल की कुल मांग 2030 तक बढ़कर 10.55 करोड़ बीपीडी हो जाएगी। भारत में कच्चे तेल की मांग बढ़कर 2030 में 66.6 लाख बीपीडी हो जाएगी जो 2024 में 56.4 लाख बीपीडी थी। भारत में 95 प्रतिशत आयात के ही जरिये पूरा करता है। भारत की तेल मांग पूर्वानुमान अवधि में 10 लाख बीपीडी तक बढ़ जाएगी। तेल की मांग अब अमेरिका/यूरोप से भारत/मध्य-पूर्व की ओर शिफ्ट हो रही है। चीन और भारत विश्व की 35% से अधिक खपत के लिए जिम्मेदार हैं और 2025 की वैश्विक वृद्धि का 50% हिस्सा इनके पास है।
कहां शिफ्ट हो रही तेल की मांगतेल की मांग अब अमेरिका/यूरोप से भारत/मध्य-पूर्व की ओर शिफ्ट हो रही है। भारत 2025 की वैश्विक वृद्धि की धुरी बना हुआ है, जबकि विकसित देश ऊर्जा बदलाव में जुटे हैं। चीन और भारत विश्व की 35% से अधिक खपत के लिए जिम्मेदार हैं और 2025 की वैश्विक वृद्धि का 50% हिस्सा इनके पास है।
दुनिया के टॉप-10 तेल उपभोक्ता देश:
1. अमेरिका
2. चीन
3. भारत
4. यूरोपीय संघ
5. जापान
6. रूस
7. सऊदी अरब
8. ब्राजील
9. दक्षिण कोरिया
10. कनाडा