ईरान में फंसे छात्रों के लिए विदेश मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन। मध्य पूर्व में बिगड़ते हालात के बीच भारत सरकार ने ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए अहम कदम उठाए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार को बताया कि तेहरान में रह रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से शहर से बाहर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, जिनकी व्यवस्था भारतीय दूतावास द्वारा की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में जारी G7 शिखर सम्मेलन के खत्म होने से एक दिन पहले ही वाशिंगटन वापस चले गए। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरान की जनता को तेहरान खाली करने की चेतावनी भी दी। इससे ये संदेश गया कि आने वाले दिनों में ईरान और खासकर तेहरान में शांति की गुंजाइश बहुत कम है। अर्मेनिया के रास्ते भारत लौटे छात्र। MEA ने पुष्टि की है कि उरमिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे करीब 110 भारतीय छात्र अर्मेनिया की सीमा पार कर सुरक्षित निकाले गए हैं। इन छात्रों में लगभग 90 छात्र जम्मू-कश्मीर घाटी से हैं, जिसे जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी बयान जारी कर बताया। ये सभी छात्र अब अर्मेनिया से भारत के लिए उड़ान भरेंगे और दिल्ली पहुंचेंगे। अर्मेनिया ने दिया सहयोग, विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत। इस पूरे निकासी अभियान में अर्मेनिया सरकार ने विशेष सहयोग दिया। अर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच रविवार शाम को बातचीत हुई, जिसमें भारतीय नागरिकों को अर्मेनिया के ज़रिए सुरक्षित निकालने पर सहमति बनी। आम नागरिकों को भी दी गई सलाह। भारतीय दूतावास ने तेहरान में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को अपनी खुद की परिवहन व्यवस्था से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी है। मंत्रालय का कहना है कि हालात लगातार बदल रहे हैं, और जरूरत पड़ने पर आगे और एडवाइजरी जारी की जाएंगी। कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय। बढ़ते संकट को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने 24×7 नियंत्रण कक्ष (Control Room) स्थापित किया है, जो ईरान और पूरे वेस्ट एशिया में मौजूद भारतीय नागरिकों के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल ईरान में करीब 3,000 से 4,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जबकि इज़राइल में लगभग 25,000 भारतीय रहते हैं।
भारतीय छात्रों-नागरिकों के लिए ईरान में नई गाइडलाइन
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