हर धर्म का सम्मान करते थे गुरु अर्जन देव :::: हेडिंग
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झुमरीतिलैया. वीर योद्धा श्रीगुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस डॉक्टर गली स्थित गुरुद्वारा कलगीधर सिंह सभा ने मनाया गया. गुरु जी की याद में छबील लगायी गयी और लोगों को संदेश दिया गया कि सेवा में लगे रहने से ही जीवन का सच्चा सुख मिलता है. गुरुद्धारा परिसर के हॉल में लगे एसी कक्ष का प्रो दलजीत कौर ने उदघाटन किया. गुरुद्वारा में पटना से आये रागी जत्था जगतार सिंह ने बताया कि 1606 में आज ही के दिन मुगल बादशाह जहांगीर ने उनकी हत्या करा दी थी. इसी कारण हर साल आज ही के दिन उनका शहीदी दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि श्री गुरु अर्जन देव ने अपना जीवन धर्म और लोगों की सेवा में बलिदान कर दिया. वे दिन-रात संगत और सेवा में लगे रहते थे. वे सभी धर्मों को एक समान देखते थे. गुरुद्वारा सभा के उपप्रधान हरजेंद्र सिंह भल्ला ने कहा कि गुरु अर्जन देव जी का बचपन गुरु अमर दास की देखरेख में बीता था. उन्होंने ही अर्जन देव जी को गुरमुखी की शिक्षा दी. साल 1581 में गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवें गुरु बने. उन्होंने ही अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखवायी थी, जिसे आज स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. कार्यक्रम में ग्रंथी निरंजन सिंह, राजा सिंह के अलावा गुरुद्वारा कलीधर के उप प्रधान हरजिंदर सिंह भल्ला, सचिव संजू लांबा, कोषाध्यक्ष अवतार सिंह, नवजीत सिंह बेदी, प्रोफेसर प्रकाश कुमार, कवलजीत सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, हरजीत सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, रिंकू लांबा, हरमीत लांबा, डिंपल सिंह, सुरजीत सिंह पिंटू, डिंपल लांबा, सुशील छाबड़ा, कैलाश चौधरी, राम रतन महर्षि, प्रदीप केडिया, सुनील भदानी, अरुण सेठ, दिलीप ब्रहपुरिया, चंद्रशेखर जोशी, हरभजन सिंह बग्गा, दिनेश छाबड़ा, बबलू बग्गा आदि मौजूद थे. कार्यक्रम के बाद अटूट लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया. वहीं शहीदी पर्व को लेकर झरीटांड़ इंदरवा द्वारा गुरुद्वारा के समीप एवं सामंतों पेट्रोल पंप के निकट छबील (मीठा शर्बत) की व्यवस्था की गयी थी. पेट्रोल पंप के निकट दलजीत सिंह, परविंदर सिंह, रिंकू सूद, कलमेंद्र सिंह, पवन शर्मा, परमजीत सिंह की ओर से शर्बत की व्यवस्था की गयी थी.
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