न्यायमूर्ति अरोड़ा ने बताया कि दो सप्ताह की समयसीमा 23 मई को समाप्त हो गई थी और अभी तक माफीनामा प्रकाशित नहीं किया गया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी को कथित मानहानि के लिए 50 लाख रुपये का हर्जाना अदा करने और माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था। गोखले ने अदालत को सूचित किया कि वह सिंगल-जज के निर्देशानुसार माफी प्रकाशित करेंगे। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति रेनू भटनागर की पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने बिना पूर्वाग्रह के और अपील के नतीजों के अधीन माफी प्रकाशित करने की व्यवस्था करने के लिए अनुरोध किया। अदालत ने इसे अदालत के आदेश में रिकॉर्ड करने से इंकार कर दिया। गोखले ने कहा कि वह न्यायालय के निर्देशानुसार बिना शर्त माफी प्रकाशित करेंगे। अदालत ने इसके बाद कहा, “माफी तो हो ही जाए। जहां तक हर्जाने की बात है, आप उस पर जोर न दें।”पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि साकेत गोखले के ट्वीट्स मानहानिपूर्ण थे और उन्हें लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने तथा टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार और अपने X अकाउंट पर माफी प्रकाशित करने का आदेश दिया गया था।पुरी का कहना था कि गोखले ने जानबूझकर और झूठे तथ्यों के आधार पर यह दावा किया कि उनकी आय सिर्फ 10-12 लाख रुपये हो सकती थी, क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र (UNCTAD) में भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर थीं। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भांभानी ने दिए अपने विस्तृत आदेश में कहा था कि गोखले के आरोप “गलत, झूठे और असत्य” हैं। अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि सोशल मीडिया संदेशों से “सोशल मीडिया चैन रिएक्शन” शुरू हो जाती है, जो कि आज के दौर में एक अनियंत्रित परमाणु प्रतिक्रिया जितनी ही खतरनाक हो सकती है। कोर्ट ने यह भी माना कि गोखले का लक्ष्य लक्ष्मी पुरी की वित्तीय स्थिति नहीं बल्कि उनके पति हरदीप पुरी के केंद्रीय मंत्री होने के कारण राजनीतिक हित साधना था।पुरी ने बाद में दो अलग-अलग याचिकाओं के जरिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया- एक हर्जाना आदेश को लागू कराने के लिए और दूसरी गोखले द्वारा माफी न मांगने पर अवमानना याचिका दायर की। पुरी की अवमानना याचिका की सुनवाई में एक पीठ ने हाल ही में गोखले का वह प्रस्ताव खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने माफी को सीलबंद लिफाफे में देने की बात की थी। उच्च न्यायालय ने उन्हें दो सप्ताह के भीतर अखबार में सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने का निर्देश दिया।
TMC सांसद साकेत गोखले लक्ष्मी पुरी से माफी मांगेंगे
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