गवर्नर गहलोत ने सिद्धरमैया सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि राज्यपालों को विधेयक की संवैधानिकता का पता लगाने की अनुमति है। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार फिर से मुस्लिम कोटा बिल राष्ट्रपति के पास भेजने पर विचार कर रही है, जबकि गवर्नर गहलोत ने इस विधेयक को दो बार लौटा चुके हैं। इस बिल में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। राज्यपाल गहलोत ने इस विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए पुनर्विचार किया था, लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने फिर से इसे भेजने का फैसला लिया है। कानून मंत्री ने बैठक स्थगित कर दी है, जिसमें अगला कदम निर्धारित करने की योजना बनाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने गवर्नर के फैसले के खिलाफ अदालत में चुनौती देने की चर्चा की है। भाजपा की आपत्तियों के बावजूद, विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। गवर्नर गहलोत ने अपने फैसले में कहा है कि अनुच्छेद 15 और 16 धर्म के आधार पर आरक्षण पर रोक लगाते हैं। आज को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है।
कर्नाटक कांग्रेस सरकार का मुस्लिम कोटा बिल राष्ट्रपति के पास
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