अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फंडिंग रोकने के बाद कई अफवाहें चार्चा में थीं. अमेरिका की फर्स्ट लैडी मेलानिया ट्रंप के प्रवक्ता निकोलस क्लेमेन्स ने साफ किया कि ट्रंप के बेटे बैरोन ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए आवेदन ही नहीं किया था न ही ये यूनिवर्सिटी उनकी उस लिस्ट में शामिल थी, जिसमें वह एडमिशन लेने का सोच रहे थे.
कई खबरों में दावा किया जा रहा था कि हार्वर्ड की ओर से ट्रंप के बेटे का एडमिशन ठुकराए जाने के कारण राष्ट्रपति ट्रंप ने यूनिवर्सिटी की फंडिंग रोक है. क्लेमेन्स ने बयान जारी करते हुए कहा, “बैरोन ने हार्वर्ड में आवेदन नहीं किया था. यह दावा कि उन्होंने या उनकी ओर से किसी ने आवेदन किया, पूरी तरह गलत है.”
हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें तेजी से वायरल हो रही थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाली अरबों डॉलर की संघीय सहायता (फंडिंग) को इसलिए रोक दिया क्योंकि उनके बेटे को यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं दिया. इन अफवाहों को मेलानिया ट्रंप के प्रवक्ता ने सिरे से खारिज कर दिया.
ट्रंप के छोटे बेटे बैरोन फिलहाल NYU में पढ़ाई कर रहे हैं. प्रवक्ता ने बताया कि 19 साल के बैरोन ट्रंप इस समय न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU) के बिजनेस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं.
यह बयान ऐसे समय में दिया गया है जब ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एडमिशन पर रोक लगाने की कोशिश की थी. हालांकि एक संघीय जज ने इस फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है और इस मामले पर कानूनी कार्यवाही जारी है.
ट्रंप सरकार का फंडिंग रोकना हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के लिए झटका माना जा रहा है, लेकिन बैरोन ट्रंप से जुड़ी खबरों को लेकर व्हाइट हाउस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि फंडिंग रोकने का कारण व्यक्तिगत नहीं, बल्कि नीति से जुड़ा फैसला है. हालांकि ट्रंप की इस फैसले की दुनिया भर में आलोचना हो रही है.
हार्वर्ड में अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे का एडमिशन नहीं, क्या इसलिए ट्रंप ने रोकी फंड?
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